नई दिल्ली | भारतीय रेल ने पहली बार ट्रांसजेंडर के मानदंडों में ढील दी है। शारीरिक दक्षता परीक्षा के मानदंड अब ट्रांसजेंडर के लिए महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित पीईटी मानकों के बराबर ही होगा।
रेलवे की ओर से जारी की गई पीईटी स्तर -1 नौकरियों (गैंगमैन या ट्रैक मेंटेनर) के लिए जारी किए गए मानदंडों के इस बार ट्रांसजेंडर के लिए ढील दी गई है। दरअसल हाल ही में भारतीय रेलवे ने 7वें सीपीसी वेतन मैट्रिक्स के स्तर – 1 में कर्मचारियों की भर्ती जारी की थी। उसमें ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों की शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) मानकों के जिस आधार पर आंका जा रहा है वो महिला उम्मीदवारों के लिए पीईटी मानकों के बराबर होगा। रेलवे के अनुसार आगामी सभी भर्तियां इसी छूट के साथ की जायेंगी। रेलवे बोर्ड के अनुसार भर्ती परिपत्र यह भी निर्दिष्ट करता है कि ऑनलाइन आवेदन में ट्रांसजेंडर द्वारा दिए गए लिंग का उपयोग पीईटी में छूट देने के लिए किया जा सकता है। उनकी ट्रांसजेंडर स्थिति बाद में चिकित्सा परीक्षण के समय सत्यापित की जाएगी और गलत पाए जाने पर उनकी कुल उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार रेलवे में लेवल-1 की नौकरियों के लिए जारी भर्ती के दौरान 2.68 लाख उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। जबकि पीईटी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया केवल एक उम्मीदवार ट्रांसजेंडर है, शॉर्टलिस्ट किए गए 90 फीसदी से अधिक पुरुष (2.53 लाख) हैं और केवल 15,000 महिलाएं हैं जो टेस्ट के लिए उपस्थित होंगी।
सूत्रों के अनुसार इस छूट से अधिक ट्रांसजेंडर ऐसी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं। बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए हैं कि कोई भी इस छूट का दुरुपयोग न करे। रेल मंत्रालय के अनुसार यह थर्ड जेंडर को नौकरी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।