Joharlive Team
रांची । अवैध साॅफ्टवेयर से तत्काल श्रेणी के रेल टिकटों की कालाबाजारी से जुड़े मामले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) काे बड़ी सफलता हाथ लगी है। आरपीएफ ने दलालों के ऐसे गिरोह को दबाेचा है, जिसके तार टिकटों की कालाबाजारी के साथ आतंकियों से भी जुड़े हैं। गिरफ्तार दलालों में गिरिडीह (झारखंड) का रहने वाला मुख्य सूत्रधार गुलाम मुस्तफा समेत 24 लोग शामिल हैं। ये सभी आरोपी क्रिप्टो करंसी और हवाला (मनी लाॅन्ड्रिंग) के जरिए पैसा विदेश भेज रहे थे। मुस्तफा की गिरफ्तारी ओडिशा से की गई। वह बेंगलुरू से टिकटों की कालाबाजारी करता था।
इधर, आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि इस गिरोह के पास उपलब्ध उन्नत तकनीक के बारे में भी पता चला है। इस गिरोह में 20 हजार से अधिक एजेंटों वाले 200 से 300 पैनल देश भर में सक्रिय हैं। इसका मास्टरमाइंड हामिद अशरफ दुबई में बैठा है। वह बीते साल गोंडा स्कूल में धमाका करने के मामले से भी जुड़ा है। यह गिरोह पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तब्लीगी जमात से जुड़ा है। इसमें बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर कंपनी भी साझीदार है और गुरुजी के काेडनेम वाला एक उच्च तकनीक में माहिर गिरोह को सक्रिय मदद देता है। इस खुलासे के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), खुफिया ब्यूरो (आईबी), प्रवर्तन निदेशालय, कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच इकाई भी जांच में जुड़ गई हैं।
अरुण कुमार के मुताबिक, टिकटों की कालाबाजारी में शामिल गिरोह का प्रमुख सदस्य गुलाम मुस्तफा हाल ही में भुवनेश्वर से पकड़ा गया था। उससे पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। गिरोह के पास फर्जी आधार कार्ड एवं फर्जी पैन कार्ड बनाने की तकनीक है और बंगलादेश से लोगों को अवैध रूप से लाने एवं यहां बसाने का काम भी कर रहा था।