रांची: डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह मौज-मस्ती का अड्डा बन गया है। यहां न तो समय पर निरीक्षण होता है और ना ही निगरानी। इस कारण बाल सुधार गृह के बजाए बाल बिगाड़ गृह बन गया है। सदर पुलिस और कर्नल जेके सिंह ने बाल सुधार गृह में रविवार काे छापेमारी की ताे सुरक्षा व्यवस्था की पाेल खुल गई। पुलिस ने 5 माेबाइल, चार्जर, सिगरेट और खैनी की पुड़िया के अलावा अन्य कई प्रतिबंधित सामान बरामद की।
बाल सुधार गृह में माैज-मस्ती की ऐसी व्यवस्था रहती है कि हाेटवार जेल में बंद कैदी फर्जी तरीके से जुवेनाइल बनकर डुमरदगा बाल सुधार गृह में शिफ्ट हाेने का प्रयास कर चुका है। कहने को तो बाल कैदियों के लिए तीन लेयर में सुरक्षा की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसके बाद भी उन तक आसानी से माेबाइल पहुंच जाता है। माेबाइल मिलने के बाद बाल कैदी आसानी से बाहर में रहने वाले अपने सहयाेगियाें काे फाेन कर गांजा और सिगरेट की मांग करते हैं। शाम ढलते ही बाल कैदी अपने-अपने वार्ड में नशे की आगाेश में समा जाते हैं और सुरक्षा में तैनात कर्मी पूरी तरह से बेखबर बने रहते हैं।
छापेमारी से पहले बाल कैदियों को मिलती है सूचना
बाल सुधार गृह में पुलिस जब छापेमारी करती है ताे वहां से माेबाइल, गांजा व सिगरेट मिलता है। कारण है कि छापा से पहले बाल कैदियाें को सूचना मिल जाती है। सदर थानेदार ने कहा कि जब तक किसी कैदी के पास से काेई आपत्तिजनक सामान नहीं मिलता, तब तक कार्रवाई कैसे कर सकते हैं।