Joharlive Desk
नई दिल्ली : राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर से वापस भेज दिया गया है। विपक्षी नेताओं के श्रीनगर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद वहां हंगामा शुरू हो गया था। प्रशासन ने उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी थी। जिसके कारण सभी नेता सुरक्षा बलों की मौजूदगी में वीआईपी लाउंज में बैठे हुए थे। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, एनसीपी नेता माजिद मेमन, सीपीआई लीडर डी. राजा के अलावा शरद यादव सहित कई दिग्गज नेता जम्मू-कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए घाटी पहुंचे थे। प्रशासन ने उन्हें पहले ही उनसे अपने दौरे को टालने की अपील की थी।
राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के साथ श्रीनगर हवाई अड्डे पहुंच गए हैं लेकिन उन्हें किसी नेता से मिलने या फिर हवाई अड्डे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है। सभी विपक्षी नेताओं को सुरक्षाबलों की मौजूदगी में वीआईपी लॉउंज में बिठाया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता माजिद मेमन ने कहा कि हमारा मकसद कहीं जाने और गड़बड़ी पैदा करना नहीं है, हम सरकार के विरोध में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार के समर्थन में जा रहे हैं ताकि हम भी सुझाव दे सकें कि क्या किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि स्थिति सामान्य है, दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देते हैं। आजाद ने सवाल उठाया कि अगर चीजें सामान्य हैं तो राजनीतिक नेताओं को नजरबंद क्यों है?
विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, माकपा से सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा, डीएमके के टी सिवा, राजद के मनोज झा और तृणमूल से दिनेश त्रिवेदी शामिल होंगे। शुक्रवार देर शाम वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की।
सरकार ने नेताओं को नहीं दी घाटी आने की अनुमति
अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद सरकार ने किसी नेता को कश्मीर घाटी में आने की अनुमति नहीं दी है। पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय दलों के नेता भी नजरबंद हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को दो बार श्रीनगर और जम्मू एयरपोर्ट से वापस लौटाया गया है। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था।