Joharlive Desk

नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन को फिर असफल बताया और कहा कि उन्हाेंने ऐसा लॉकडाउन कहीं नहीं देखा है, जहां इसे हटाने की घोषणा के बाद संक्रमितों की संख्या घटने की बजाय तेजी से बढ़ी है।

श्री गांधी ने गुरुवार को बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज के साथ बातचीत में कहा कि लॉकडाउन सफल नहीं रहा है। यह बात वह पहले भी कहते रहे हैं कि इससे लोगों की तकलीफ बढ़ी है और कोरोना संक्रमण भी बढ़ा है। देश जिस उत्साह के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उतरा था उसमें सरकार की नीतियों के कारण सफल नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा “आप देखते हैं कि लॉकडाउन के बाद क्या हुआ है और यही कारण है कि मैं इसे एक असफल लॉकडाउन कहता हूं, यहां लॉकडाउन खुलने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।”

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनिया ने सख्त लॉकडाउन देखा है। ऐसा सख्त लॉकडाउन विश्वयुद्ध के दौरान भी दुनिया को देखने को नहीं मिला। उस समय भी लोगों को घरों से निकलने की इजाजत थी लेकिन इस बार पूरी दुनिया को घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड़ा लेकिन यह लॉकडाउन इस कड़ाई के बाद भी हमारे यहां असफल रहा है और कोरोना घटने की बजाय फैल रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इन विपरीत स्थितियों के बावजूद देश के समक्ष अपनी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा की गंभीर जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा “हमें हर कीमत पर अपनी अर्थव्यवस्था की रक्षा करनी होगी। जिस किसी को भी सहयोग की जरूरत है उसे सहयोग दिया जाना चाहिए। यह एक रणनीति का दूसरा और बिल्कुल बुनियादी घटक है। जर्मनी, अमेरिका, कोरिया, जापान ने अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर पैसा डाला। हमें इसे बड़े व्यवसाय, छोटे व्यवसाय, मजदूर के रूप में नहीं हमारी अर्थव्यवस्था के रक्षण के रूप में देखना है।”

  री गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पहले अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी और बेरोजगारी गंभीर समस्या बनी लेकिन अब कोरोना ने इसे (अर्थव्यवस्था को) एकदम किनारे धकेल दिया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की समस्या से निपटना, उत्पादन को प्रोत्साहित करना और फिर वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा बनने की चुनौती देश के सामने हैं।

उन्होंने कहा कि इस संबध में उन्होंने विशेषज्ञों से बात की है और उनका कहना है कि इस दिशा में सरकार को आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाना है, मुख्यमंत्री तक ले जाना है और उन्हें अनुमति देना है तथा इस विपदा से लड़ने के लिए सक्षम बनाने की जरूरत है। इस बात पर ध्यान देना है कि हमारे यहां निवेश करने वाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश नहीं जाए। इन सबके बीच मजदूरों और छोटे उद्योगों को पैसा देने पर विचार करने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सबसे बड़ा संकट यह है कि गरीबों और प्रवासियों ने आत्मविश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा “मुझे काफ़ी लोगों ने बोला है कि भरोसा खो दिया है, भरोसा ही नहीं बचा और और मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद और देश के लिए खतरनाक है।”

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लॉकडाउन को ठीक तरह से हैंडल नहीं किया है। श्री गांधी ने कहा “मैं कुछ विशेषज्ञों और निष्णात लोगों से बात कर रहा था। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही उनमें से एक ने मुझे कहा कि जिस पल एक पूर्ण लॉकडाउन लागू करते हैं, आप बीमारी की प्रकृति बदल दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन को ऑन-ऑफ स्विच के रूप में न देखें। यह ऑन-ऑफ स्विच होने वाला नहीं है। एक बार जब आप लॉकडाउन में चले गए तो इसे फिर से खोलना आसान नहीं होगा। यह बेहद जटिल होने वाला है।” उन्होंने कहा कि इन विशेषज्ञों की बात अब सही साबित हो रही है।

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