JoharLive Desk
मुम्बई : दो बार अपने दमदार अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके मनोज बाजपेयी की गिनती हिंदी सिनेमा के उन गिनती के कलाकारों में होती है जो तमाम शोहरत, दौलत और मोहब्बत पाने के बाद भी अपनी जमीन को नहीं भूले हैं। अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर देखकर अभिनय का शौक पालने वाले मनोज शुरू से नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी को अपना आदर्श मानते रहे हैं। लेकिन, शिक्षक दिवस पर उन्होंने अमर उजाला से खास बातचीत में राज खोला उस अभिनेता के बारे में जिन्हें वह अपना गुरु मानते हैं।
मनोज बाजपेयी इन दिनों एक वेब सीरीज पर काम कर रहे हैं जिसका नाम है द फैमिली मैन। उनका किरदार इसमें बनारस के श्रीकांत तिवारी का है जो मुंबई में अपने परिवार के साथ रहता है और एक खुफिया एजेंसी के लिए अंडर कवर एजेंट के तौर पर काम करता है। इस वेब सीरीज का ट्रेलर गुरुवार को रिलीज हो गया। सिनेमा, शॉर्ट फिल्म्स और वेब सीरीज पर अमर उजाला से हुई लंबी बातचीत के दौरान जब बात उनके अभिनय के सबक की चली तो वह थोड़ा भावुक हो गए।
यह पूछे जाने पर कि अभिनय की पाठशाला में वह किसे अपना आदर्श या गुरु मानते हैं? मनोज बाजपेयी कहते हैं, ‘अभिनय आसान नहीं है। और अभिनय करते हुए कैसे खुद को एक किरदार से जोड़े रखना है वह मैंने रघुवीर यादव से सीखा है। हिंदी सिनेमा में उन जैसा दूसरा अभिनेता तलाशना मुश्किल है। उन्होंने हमें सिखाया कि कैसे सहज रहते हुए भी आप कठिन से कठिन किरदार निभा सकते हैं। एक अभिनेता के लिए किसी किरदार को जीना एक नई शख्सीयत को जीने जैसा होता है और रघुवीर भाई से मैंने बहुत कुछ सीखा है। यह आज के सिनेमा का दुर्भाग्य है कि इतने शानदार अभिनेता के साथ उसने कभी न्याय नहीं किया और इतना महान कलाकार हमारे बीच होते हुए भी उनकी कभी वैसी कद्र नहीं हो सकी जिसके वह हकदार हैं।’