नई दिल्ली: कतर में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को बड़ी राहत मिली है. कतर के कोर्ट ने उनके फांसी की सजा पर रोक लगा दी है. इस मामले को लेकर भारत सरकार ने कतर के कोर्ट में अपील दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनते हुए सजा को कम कर दिया है. अब फांसी की सजा के जगह आजीवन कारावास में बदलने की उम्मीद है. 2015 में हुए समझौते के मुताबिक़ उन्हे भारत में सज़ा पूरा करने का विकल्प भी मिल सकता है. बता दें कि 30 अगस्त 2022  को कतर के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद अदालत में चले मुकदमे में कतर कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सभी 8 पूर्व नेवी अफसरों को फांसी की सजा सुनाई थी.

एस जयशंकर ने की थी परिजनों से मुलाकात

बता दें कि सभी पूर्व भारतीय नौसैनिक कतर में स्थित अल दाहरा कंपनी में काम करते थे. काम करने के दौरान ही उनपर जासूसी का आरोप लगा था. जिसके बाद कतर पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया था. सजा होने के बाद भारत सरकार ने कहा था कि हम पूर्व भारतीय नेवी अफसरों को छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोज रहे हैं. वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके परिजनों से भी मुलाकात की थी.

कौन हैं वो 8 पूर्व नौसेना अफसर जिन्हे सुनाई गई थी मौत की सजा

कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुग्नाकर पकाला,  कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश गोपाकुमार.

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