Joharlive Desk

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा में पुरी जगन्नाथ यात्रा को सोमवार को सशर्त हरी झंडी दे दी।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करने के बाद कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर रथयात्रा निकालेगी और सुरक्षा के उपाय करेगी।

आदेश सुनाते वक्त मुख्य न्यायाधीश का माइक बीच में ही बंद हो गया। बाद में उन्होंने कहा कि खंडपीठ के दोनों साथी न्यायाधीशों के आदेश की प्रति देख लेने के बाद संबंधित विस्तृत आदेश वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा।

न्यायमूर्ति बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में देखकर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा, “हम सरकार को यह नहीं कह रहे कि उसे क्या करना चाहिए, लेकिन हम कुछ शर्तों के साथ इसकी (रथयात्रा की) अनुमति दे रहे हैं।”

इससे पहले सुबह श्री मेहता ने मामले का विशेष उल्लेख न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष किया था और कुछ प्रतिबंधों के साथ रथयात्रा की अनुमति देने का अनुरोध किया था। श्री मेहता ने कहा था कि यह रथयात्रा सदियों पुरानी है और इसे रोकना ठीक नहीं होगा। यदि रथयात्रा रुकती है तो अगले 12 साल बाद ही यह फिर से शुरू हो पायेगी।
उन्होंने कहा था कि इस मामले में कुछ शर्तों और हिदायतों के साथ पूर्व के आदेश में संशोधन किया जाना चाहिए, मसलन रथयात्रा में शामिल होने के लिए मंदिर में काम करने वाले उन लोगों का चयन किया जाना चाहिए जो कोरोना निगेटिव हों।
उन्होंने पूरी रथयात्रा के सीधे प्रसारण की व्यवस्था कराने की सलाह दी थी ताकि श्रद्धालु इस यात्रा का आनंद उठा सकें।
श्री साल्वे ने भी केंद्र की दलील का समर्थन किया था। इसके बाद न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा था कि वह सभी मामलों की सुनवाई के बाद आदेश में संशोधन के मसले पर विचार करेंगे, परंतु कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से यह सूचना प्राप्त हुई कि आदेश में संशोधन को लेकर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश बोबडे, न्यायमूर्ति बोपन्ना और न्यायमूर्ति माहेश्वरी की खंडपीठ करेगी। इसी खंडपीठ ने रथयात्रा पर रोक को लेकर 18 जून को अपना आदेश सुनाया था।
एक बजकर आठ मिनट पर न्यायमूर्ति बोबडे अपने साथी न्यायाधीशों के साथ स्क्रीन पर प्रकट हुए, लेकिन उन्होंने आते ही कहा कि वह इस मामले की सुनवाई ढाई बजे करेंगे, लेकिन किसी कारण से सुनवाई करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई। गौरतलब है कि यह रथयात्रा कल होनी है।

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