रांची । झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) परीक्षा की नयी नियमवाली में हिंदी भाषा जोड़ने को लेकर मंगलवार को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।

सरायकेला जिले की सामाजिक संस्था एकता विकास मंच ने जनहित याचिका दायर कर जेएसएससी परीक्षा में हिंदी भाषा को जोड़ने की मांग की है। याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट की अधिवक्ता रितु कुमार ने जनहित याचिका दाखिल की है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी झारखंड हाई कोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा के अनुसार प्रार्थी रमेश हांसदा व अन्य की ओर से कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गयी है। इसमें नई नियमावली को रद्द करने की मांग की गई है। प्रार्थियों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि उर्दू को जनजातीय भाषा की श्रेणी में राजनीतिक मंशा के कारण रखा गया है। झारखंड के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माध्यम हिंदी है। उर्दू की पढ़ाई एक खास वर्ग के लोग मदरसे में करते हैं। ऐसे में किसी खास वर्ग को सरकारी नौकरी में अधिक अवसर देना और हिंदी भाषी अभ्यर्थियों के मौके में कटौती करना संविधान की भावना के मुताबिक सही नहीं है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई नियमवाली के दो प्रविधानों को निरस्त किया जाना चाहिए।

मालूम हो कि सरकार ने नियमावली में संशोधन कर क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की श्रेणी से हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया गया है। जबकि उर्दू, बांग्ला और उड़िया को रखा गया है।

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