रांचीः झारखंड सरकार को गिराने की साजिश और विधायक खरीद-फरोख्त का मामला सुर्खियों में है. इस मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के माध्यम से प्रार्थी ने अदालत से शीघ्र सीबीआई जांच की मांग की है. इसके साथ ही मामले में इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी, रांची एसपी, कोतवाली थाना और विधायक जयमंगल सिंह को प्रतिवादी बनाने की मांग की गई है. प्रार्थी पंकज यादव ने यह याचिका दायर की है.
दरअसल, झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को अल्पमत में लाने की कोशिश की जा रही थी. साजिश की भनक स्पेशल ब्रांच को लग गई, जिसके बाद राजधानी रांची के एक बड़े होटल से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियो में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो शामिल हैं. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी प्रभात रंजन बड़वार को दिया गया है.
इस मामले में आरोपी निवारण कुमार महतो ने यह स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों के खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने उसे पहले लालच दिया था कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता.
झारखंड सरकार का समीकरण
झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई है. झामुमो को 30, कांग्रेस को 16 और राजद के पास 1 सीट है. भाजपा के पास 26 सीटें हैं. बाकी सीटें आजसु, सीपीआईएम, एनसीपी और को भी एक-एक सीट मिली है. इसके अलावा जेवीएम से चुनाव जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में और प्रदीप यादव व बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. हेमंत सरकार के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जो बहुमत से 10 ज्यादा. ऐसे में फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है.