Joharlive Desk

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन से श्यामसुंदर ने बताया, “आज हमने टोल प्लाज़ा पर मुफ्त टोल किया है। सरकार बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं है।

किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने पर मांग पर अड़े हुए हैं। दो दिन पहले सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए किसानों ने 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने की धमकी दी थी। इस बीच किसान संगठनं का कहना है कि सरकार से बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन कानूनों वापसी के अलावा उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कल देर रात करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा को बंद किया। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान कुरुक्षेत्र से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम 6 महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। हमारे साथ करीब 1200 ट्रॉली जा रही हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन से श्यामसुंदर ने बताया, “आज हमने टोल प्लाज़ा पर मुफ्त टोल किया है। सरकार बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं है।”

किसान आंदोलन तेज करने की धमकी के बीच पंजाब के अमृतसर से हजारों की संख्या और भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान नेताओं के मुताबिक आज दिल्ली में विरोध मार्च निकाला जाएगा। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस दौरान रेल सुविधा जारी रहेगी। रेल रोको आंदोलन का हिस्सा नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार किसान नेताओं से बातचीत करना चाहती है, तो उसे पिछली बार की तरह औपचारिक रूप से संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों को खत्म किए जाने से कम उन्हें कुछ भी स्वीकार्य नहीं है।

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