रांची: दिल्ली पब्लिक स्कूल, रांची के परिसर में 13 जनवरी को प्रोजेक्ट मॉडल एक्सपो – ‘इनोवेट, एलिवेट एंड डोमिनेट’  का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया. इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में छिपी रचनात्मकता, जिज्ञासा और नवीन कौशल को उजागर करना था. विद्यालय परिसर में आयोजित इस प्रदर्शनी में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित शानदार प्रदर्शनों की श्रृंखला प्रदर्शित की गई. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ राम सिंह के करकमलों से हुआ. इसी के साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावक भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बने एवं प्रदर्शनी की शोभा बढ़ाई.

950 परियोजनाओं और मॉडलों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई

इस कार्यक्रम में कक्षा छठवीं से नवमीं एवं ग्यारहवीं के विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. उन्होंने अपनी उत्साहपूर्ण भागीदारी दिखाते हुए अपने रचनात्मक विचारों को प्रस्तुत किया. इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा मैथमेटिकल साइंस, लाइफ साइंस, एनवायर्नमेंटल साइंस, सोशल साइंस, लैंग्वेज एंड लिटरेचर, आर्ट एंड क्राफ्ट एवं स्पोर्ट्स एंड फिजिकल एजुकेशन जैसे विषयों पर लगभग 950 परियोजनाओं और मॉडलों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई. साथ ही, विद्यार्थियों द्वारा भौतिक विज्ञान, वायुगतिकी, जलगतिकी, कंप्यूटर साइंस, स्पेस साइंस, रोबोटिक्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग, मानव व्यवहार समाजशास्त्र, कृषि खाद्य सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान, पर्यावरण के मुद्दे और चिंताएं, जैव प्रौद्योगिकी, आनुवंशिकी, स्वास्थ्य और स्वच्छता, जल संचयन, ऊर्जा संसाधन और संरक्षण, विश्व शांति, सांस्कृतिक विरासत और संस्कृति इतिहास का संरक्षण , स्टार्ट-अप योजनाएं, बैंकिंग, वित्त और शेयर बाजार जैसे कांसेप्ट पर ज्ञान साझा किया गया.

विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए प्रमुख मॉडल इस प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण

सोलर डिसेलिनेटर, सबमरीन-हाइड्रोडायनामिक्स, चंद्रयान 3, आरसी स्मार्ट कार, फिंगर पपेट, आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क, हाइड्रोलिक रोबोटिक आर्म, वॉयस कंट्रोल मैकेनिज्म, वाटर सप्लाई का प्रभावी तरीका, फॉक्स होल रेडियो, क्रिस्टल रेडियो, ऑटोमैटिक डोर ओपनिंग सिस्टम, एंटी स्लीप अलार्म ड्राइवरों के लिए, रोबोटिक डस्ट क्लीनर, एआई कैमरा, एआई आधारित स्ट्रीट लाइट कंट्रोल सिस्टम, मैथ्स स्क्वायर मशीन, मोशन सेंसिंग हाईवे, सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई प्रणाली, मैग्नेटिक फ्रंटियर, लेजर हाउस सिक्योरिटी सिस्टम, सेल्फ ड्राइविंग वाहन, पायथन और एसक्यूएल कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक क्विज बॉर्ड थे.

विदेशी भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला

इस आयोजन का एक केंद्र बिंदु मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए समर्पित परियोजनाओं की श्रृंखला थी. डीपीएस रांची के छात्रों ने व्यावहारिक मॉडल और सूचनात्मक प्रदर्शन प्रस्तुत करते हुए मानसिक कल्याण के महत्व की गहरी समझ का प्रदर्शन किया. मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के अलावा, छात्रों ने बहुभाषावाद के लाभों पर जोर देते हुए विदेशी भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला. उनकी परियोजनाओं ने संज्ञानात्मक लाभों से लेकर बढ़ी हुई सांस्कृतिक समझ तक, विभिन्न भाषाओं को सीखने और उनमें महारत हासिल करने के लाभों को प्रदर्शित किया. छात्रों ने भारत की पारंपरिक चित्रकला, जलियांवाला बाग नरसंहार, नाजीवाद: हिटलर का उदय, भाषा और साहित्य, महान भारतीय गणितज्ञ, कोहिनूर का खोया इतिहास, अपने फुटबॉल पिच को जानें, मोहावरे और लोकोक्तियां, विश्व के प्रसिद्ध लेखकों, मुगलों का उदय, संस्कृत (पाणिनि व्याकरण), जापानी संस्कृति, साहित्य और परम्पराएँ, समय यात्रा आदि जैसे विषयों को अपने प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदर्शित किया .

विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए उनकी  रचनात्मकता एवं गुणों को हमेशा बढ़ावा देना चाहिए : प्राचार्य डॉ. राम सिंह 

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम सिंह ने हर्षित होकर कहा कि डीपीएस, रांची हमेशा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के समग्र विकास में विश्वास करता है, इसलिए प्रत्येक छात्र को उद्देश्यपूर्ण परिवेश प्रदान किया जाता है, जिसमें वे आसानी से कौशल और ज्ञान प्राप्त करते हैं. शिक्षण कक्षा की दीवारों के भीतर ही सीमित नहीं होना चाहिए एवं विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए उनकी  रचनात्मकता एवं गुणों को हमेशा बढ़ावा देना चाहिए. जो बात विज्ञान प्रदर्शनियों को अलग करती है, वह पाठ्यपुस्तकों में वैज्ञानिक अवधारणाओं के बारे में पढ़ने के बजाय हाथों से सीखने पर जोर देना है . छात्र वैज्ञानिक अवधारणाओं और प्रयोगों से सीधे जुड़ते हैं, जिससे उनकी समझ गहरी होती है. यह करके सीखने जैसा है, और यह विज्ञान को अधिक रोमांचक और समझने में आसान बनाता है. इसके अलावा, ये प्रदर्शनियाँ छात्रों को परियोजना-आधारित शिक्षा में शामिल करके रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं एवं इन आयोजनों में भागीदारी के माध्यम से, छात्र कार्यों को कुशलतापूर्वक वितरित करते हुए दूसरों के साथ संवाद करना सीखते हैं.

ये भी पढ़ें: आयुष्मान खुराना के हाथ लगी ‘दादा’ की बायोपिक, इस माह से शुरू होगी शूटिंग

Share.
Exit mobile version