बोकारो: जेबीसीसीआई निगरानी संयुक्त समिति सदस्य जयनारायण महतो का झाकोमयू ढ़ोरी और बी एंड के क्षेत्र के सदस्यों ने सीसीएल ढ़ोरी के चपरी गेस्ट हाउस में जोरदार स्वागत किया. मौके पर जयनारायण महतो ने कहा कि वे हमेशा मजदूरों के हित में कार्य करने को तत्पर रहते हैं. झाकोमयू हमेशा मजदूरों के हित में फैसला लेता आया है. मजदूरों को जब भी किसी प्रकार का समस्या हुई है, तो हमने यूनियन मजदूरों की लड़ाई लड़ी है और मजदूरों के हित में आवाज उठाई है. श्री महतो ने कोल इंडिया और सीसीएल के अध्यक्ष को पत्र लिख कर कोल इंडिया के विभिन्न अनुषगी इकाई में गैर खनन कार्य कर रहे निजी कंपनियों के श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोल इंडिया के विभिन्न अनुषगी इकाई सीसीएल, एमसीएल, एनसीएल, बीसीसीएल, इसीएल एव अन्य इकाई में सार्वजनिक क्षेत्र से अधिक निजी क्षेत्र के कंपनियों द्वारा खनन कार्य कर रहे हैं.
‘आधे पैसे का बंदरबांट किया जा रहा’
उन्होंने कहा कि श्रमिकों की संख्या लगभग 90000 के करीब है. उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी, पीएफ, इपीएफ, सुरक्षा जैसे सुविधा सरकार के साथ-साथ कोल इंडिया (राष्ट्रीय वेतन समझौता एनसीडब्ल्यू 11) के तहत गठित जॉइंट कमिटी (हाई पावर कमेटी) के फैसला अनुसार अगस्त 2023 से बढ़ा हुआ मजदूरी दिया जाना था, पर विभिन्न कंपनी के उच्च अधिकारी गंभीरतापूर्वक लागू नहीं कर रहे हैं. सरकार ने निर्देशिका का उलंघन किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में गैर खनन कार्य में कार्यरत या कुशल अर्ध कुशल, कुशल एवं अत्यधिक कुशल मजदूरों को निर्धारित वेतन, अकुशल मजदूर को 11.76, अर्ध कुशल मजदूर को 12.06, कुशल मजदूर को 12.36, अत्यधिक कुशल को 12.66 भुगतान करना है. पर विभिन्न निजी कंपनियों द्वारा निर्धारित वेतन से आधा राशि का भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आधे पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने सभी विषय को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न अनुसांगी इकाई के उच्च अधिकारियों को निर्धारित वेतन भुगतान के लिए उचित कार्रवाई हेतु दिशा निर्देश देने की मांग की है.
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