विवेक शर्मा
रांची : राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल को हाईटेक बनाने को लेकर प्रबंधन काम कर रहा है. वहीं सिविल सर्जन रांची भी इसे लेकर उत्साहित है. उनका सपना है कि सदर हॉस्पिटल रांची की गिनती देश के बेहतरीन हॉस्पिटलों में हो. इस कड़ी में हॉस्पिटल में नई सुविधा शुरू करने की तैयारी है. जिसके तहत मरीजों को अब प्रिंटेंड प्रिस्क्रिप्शन मिलेगा. इससे मरीजों को दवा खरीदने में परेशानी नहीं होगी. वहीं नाम देखकर मेडिकल स्टोर वाले भी दवा बिना किसी झंझट के दे सकेंगे. बता दें कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में भी आजतक यह व्यवस्था नहीं शुरू हो सकी है.
आभा कार्ड में रहेगा मरीजों का डिटेल
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) कार्ड एक आईकार्ड है. जिसमें आपके हेल्थ से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध रहेगी. इसे बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिससे कि मरीज भारत में किसी भी हॉस्पिटल में इलाज के लिए जाए तो उसे कागजात ले जाने की जरूरत न पड़े. यहीं वजह है कि हॉस्पिटल में क्यूआर कोड वाले साइनेज बोर्ड हॉस्पिटल कैंपस में लगाए गए है. जिससे कि मरीज अपना रजिस्ट्रेशन कर आभा कार्ड बना ले.
डॉक्टर के साथ ओपीडी में रहेगा ऑपरेटर
सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार की मानें तो हर ओपीडी में डॉक्टर के साथ एक ऑपरेटर रहेगा. जो डॉक्टर की बताई दवाएं कंप्यूटर में टाइप करेगा. वहीं प्रिस्क्रिप्शन मरीजों को प्रिंट कर दे दिया जाएगा. इससे मरीजों का सारा डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध होगा. वहीं डॉक्टर को यह बताने की जरूरत नहीं होगी कि पिछली बार किस बीमारी का इलाज कराया था और कौन सी दवाएं उसे दी गई थी. उसके आधार पर मरीजों का इलाज डॉक्टर कर सकेंगे.
सभी रिपोर्ट्स भी रहेंगे आभा कार्ड में रिकार्ड
मरीजों के इलाज से लेकर जांच तक सारी सुविधाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होगी. टेस्ट के भी सभी रिपोर्ट आनलाइन रहेंगे. चूंकि हॉस्पिटल में भी मरीजों के टेस्ट रिपोर्ट अब आनलाइन ही रखे जाए रहे है. ये सभी रिपोर्ट मरीजों के आभा कार्ड से लिंक रहेंगे. इससे मरीजों को कहीं जाने पर अपने कागजात रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केवल आभा की आईडी से डॉक्टर उनकी मेडिकल हिस्ट्री देख सकते है. इससे एक और फायदा होगा कि कहीं बाहर में किसी व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब होती है तो उसका इलाज करने वाले डॉक्टर आभा आईडी से पूरी हिस्ट्री देखते हुए इलाज करेंगे. इसका फायदा यह होगा कि मरीज को कोई वैसी दवा नहीं दी जाएगी जिससे कि उसे एलर्जी हो.
सिविल सर्जन रांची डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो रहा है. जिसमें मरीजों को बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा. वहीं दवा के नाम क्लियर रहने से किसी को परेशानी नहीं होगी. ये सारे रिकार्ड आभा कार्ड में रहेंगे. डॉक्टर एक क्लिक पर पूरी डिटेल्स देख सकेंगे.
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