Joharlive Team
रांची। झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी ने देवघर में कार्यरत अरुणानंद झा की प्रोन्नति को संदेहास्पद बताते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख को मामले की फिर से जांच कर अंतिम निर्णय पारित करने हेतु निदेशित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव के इस पत्र के अनुसार, अरुणानंद झा की नियुक्ति चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर हुई थी। महज तीन वर्षों के अंदर उन्हें प्रोजेक्शनिष्ट सहायक के पद पर प्रमोशन दे दिया गया।
हालांकि यह प्रमोशन बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये ही दे दी गयी। गौरतलब हो कि प्रोजेक्शनिष्ट सहायक एक तकनीकी अहर्ता का पद है, बावजूद इसके इस पद पर अरुणानंद झा को प्रोन्नति देना सवालों के घेरे में है। सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुणानंद के पंडा धर्मरक्षिणी सभा में उपाध्यक्ष बनने पर भी आपत्ति जाहिर की है। पत्र के अनुसार एक सरकारी कर्मचारी द्वारा बिना किसी अनुमोदन के धार्मिक संस्था में पदाधिकारी बनना नियमानुकूल नहीं है।
बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने अरुणानंद झा को तत्काल दुमका जिला में योगदान देने का आदेश दिया है।