Joharlive Desk

नई दिल्ली। राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के सरपंचों से बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एकीकृत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल को लॉन्च किया। जिसके जरिए गांव की विकास परियोजनाओं पर नजर रखी जा सकेगी। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना ने हमारे काम करने का तरीका बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी ने हमारे सामने कई मुसीबतें खड़ी की हैं लेकिन हमें आत्मनिर्भर बनने का सबक भी दिया है।

इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है।

इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।

पूरे देश को आत्मनिर्भर बनान होगा। अब ये बहुत आवश्यक हो गया है। एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है।

इस महामारी ने हमें एक नई शिक्षा दी है। कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, सबक दिया है हमें सिखाया है और एक प्रकार से हमें उस रास्ते पर चलने के लिए हमारा दिशा-निर्देश किया है। कोरोना संकट से अपने अनुभवों से हमने पाया है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों को झेल पाना मुश्किल हो जाएगा। राज्य, जिला, ग्राम अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बनें।

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