नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतत विकास के लिए ऊर्जा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इस क्रम में पर्यावरण को संतुलित रखने का भी प्रयास कर सौर ऊर्जा जैसे विकल्पों पर विशेष ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है।
श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां ‘ऊर्जा क्षेत्र में सतत विकास’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की स्पष्ट सोच है कि सतत विकास सतत ऊर्जा से ही संभव है लेकिन ऊर्जा के वैकल्पिक क्षेत्रों में भी विशेष काम करने की जरूरत है ताकि पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि भारत सौर ऊर्जा में अंतरराष्ट्रीय मंच का नेतृत्व कर रहा है और पूरी दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा के विकास के संकल्प को आगे बढ़ा रहा है। इसके लिए बुनियादी स्तर पर काम चल रहा है और बजट में बैटरी एफिशिएंसी जैसे विषयों को महत्व दिया गया है। इसका मकसद यह है कि जहां भी ज्यादा बिजली की जरूरत है, वहां बिजली बचत को महत्व मिले और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को मिशन के साथ आगे बढ़ाया जा सके।
श्री मोदी ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में एलईडी बल्ब 400 रुपये की कीमत पर मिलते थे, लेकिन उनकी सरकार ने इस दिशा में अपना ध्यान आकर्षित किया, जिसकी वजह से एलईडी बल्ब बाजार में अब 70-80 रुपए की दर पर मिल जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस एक योजना से स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिला है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हुई है। इससे देश की 48000 मेगावाट बिजली बची, जिससे 20000 करोड़ रुपये की सालाना बचत हुई है। इसी तरह से चार करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सका है। उनका कहना था कि स्ट्रीट लाइट में भी नगर पालिकाओं को इस तरह के बल्बों के इस्तेमाल से 6000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है और कार्बन उत्सर्जन में 2500000 टन की कटौती की गयी है।