JoharLive Desk
बैंकॉक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत पांच करोड़ रुपये का एक कोष का गठन करेगा, जिसका उपयोग भारत-दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) विश्वविद्यालय नेटवर्क के तहत संकायों के साथ-साथ छात्रों के बीच विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के सह अध्यक्ष श्री मोदी ने रविवार को कहा,“फिजिकल और डिजिटल सम्पर्क सूत्र के लिए एक अरब डॉलर की भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट उपयोगी होगी। हमारा इरादा अध्ययन, अनुसंधान,पर्यटन, व्यापार और लोगों के बीच आपसी संबंध को बढ़ावा देने का है।”
विदेश मंत्रालय में पूर्वी देशों के मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने बताया कि इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालयों में लगभग 50 छात्रवृतियां दी गयी हैं।
उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में भारत के उप-क्षेत्रीय सहयोग का संदर्भ है और इसमें मेकांग-गंगा सहयोग भी शामिल है तथा भारत हाल ही में अयेयादावदी-चाओ फ्राया-मेगांग आर्थिक सहयोग रणनीति की पहल में भी शामिल हुआ है।
उन्होंने एक अरब डॉलर के कनेक्टिविटी फंड के उपयोग के संबंध में एक प्रश्न पर कहा, “जहां तक एक अरब डॉलर की राशि का सवाल है, तो यह एक परियोजना है। लाओस सरकार ने सड़क निर्माण के लिए हमसे एक अरब डॉलर की राशि के लिए सम्पर्क किया है। चूंकि यह राशि कनेक्टिविटी परियोजना के लिए है, इस लिए यह ‘फिलिजकल कनेक्टिविटी और डिजिटल कनेक्टिविटी है। हम पहले आये रिक्वेस्ट पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।”