Joharlive Team
नयी दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योशीहिदे सुगा को जापान का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है और दोनों देशों के बीच संबंधों के और अधिक मजबूत होने की आशा व्यक्त की है।
माेदी ने ट्वीट किया, “ जापान का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर योशीहिदे सुगा को हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि हम संयुक्त रूप से मिलकर भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक तथा वैश्विक साझेदारी को नयी ऊंचाईंयों पर ले जायेंगे।”
जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता योशीहिदे सुगा को बुधवार को औपचारिक रूप से देश का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया।
जापान की संसद के निचले सदन में हुए चुनाव में सांसदों ने 71 वर्षीय सुगा को अपना नया नेता चुना।
इससे पहले स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ने वाले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और उनकी कैबिनेट ने बुधवार को आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही आबे के करीब आठ वर्ष लंबे रिकाॅर्ड कार्यकाल का भी अंत हो गया।
जापान के नये प्रधानमंत्री सुगा ने देश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए आबेनोमिक्स के नाम से प्रसिद्ध आर्थिक नीति समेत श्री आबे की अन्य नीतियों का अनुसरण करने का संकल्प लिया है।
आबे ने आज प्रधानमंत्री कार्यालय में अपने कार्यकाल के अंतिम दिन प्रवेश किया और देशवासियों का शुक्रिया अदा किया।
श्री आबे ने इस अवसर पर कहा, “सत्ता में रहते हुए मैंने प्रत्येक दिन पूरी कोशिश की है कि देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाया जाये और जापान के हितों के संरक्षण के लिए हर संभव कूटनीतिक कदम उठाए जायें।”
आबे ने कहा है कि वह संसद सदस्य के रूप में नयी सरकार का समर्थन करते रहेंगे।
सुगा के समक्ष देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती होगी। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण जापान की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है और वह ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है।
उल्लेखनीय है कि आबे ने 28 अगस्त को स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वर्ष 2007 में भी उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2012 के चुनाव में आबे भारी बहुमत के साथ पुन: सत्ता में लौटे थे।
आबे काफी समय से आंतों की बीमारी ‘अल्सरेटिव कोलाइटिस’ से पीड़ित हैं। यह बड़ी आंत की एक गंभीर बीमारी है, जिससे श्री आबे किशोरावस्था से ही जूझ रहे हैं। इस बीमारी में बड़ी आंत की अंदरूनी परत में सूजन और जलन हो जाती है जिससे कई छोटे-छोटे छाले बनने लगते हैं। उन छालों और सूजन के कारण पेट-संबंधी परेशानियां होने लगती हैं जो पाचन तंत्र पर बुरा असर डालती हैं। इससे आंतों और मलाशय का कैंसर होने की आशंका भी होती है।
आबे का कार्यकाल सितंबर 2021 में समाप्त होने वाला था। श्री आबे के नाम सबसे लंबे समय तक जापान का प्रधानमंत्री रहने का भी रिकार्ड है।