नयी दिल्ली 15 अगस्त: (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभरेगा.
श्री मोदी ने 78 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देशवासियोंं को संबोधित करते हुए कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र के बजट का बड़ा हिस्सा विदेशोंं से रक्षा खरीद में ही खर्च हो जाता था, लेकिन सरकार की नीतियों से अब स्थिति बदली है. अब भारत अपनी जरूरत पूरी करने के साथ साथ निर्यात कर रहा है तथा रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभर रहा है.
उन्होंने कहा, “पहले रक्षा क्षेत्र का बजट खरीदी में चला जाता था, लेकिन अब हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते चले जा रहे हैं और हमारी एक पहचान बनी है. कई देशोंं में हम रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं और विनिर्माण केन्द्र के रूप मेंं उभर रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति के लिए हमारी सेनाएं विशेष रूप से सराहना की पात्र हैं. सेनाओं ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की योजनाओं और पहलों का समर्थन करते हुए सहयोग किया है. रक्षा मंत्रालय ने सैकड़ोंं ऐसे उत्पादोंं की सूची तैयार की है जिनके आयात पर पाबंदी लगायी जा रही है. इन उत्पादों का देश मेंं उत्पादन बढाया जायेगा और धीरे-धीरे इनका आयात बिल्कुल बंद कर दिया जायेगा.
परिवारवाद, जातिवाद से देश को मुक्त करना जरूरी : मोदी
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि चहुमुखी विकास के लिए परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति घातक है इसलिए देश को जल्द से जल्द जातिवाद और परिवारवाद की जंजीरों से मुक्ति दिलाने की जरूरत है.
श्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए आज कहा कि वह देश को जातिवाद और परिवारवाद से मुक्त करना चाहते हैं, इसलिए देश में एक लाख ऐसे तेजस्वी युवाओं को आगे लाना चाहते हैं जो जन प्रतिनिधि बनें और समाज सेवा करें.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को समृद्ध करने के लिए ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति में लाना है जिनके परिवार का कभी कोई सदस्य राजनीति में नहीं रहा हो. इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद को मुक्ति मिलेगी और देश के ओजस्वी युवाओं को राजनेता के रूप में राष्ट्र की सेवा का अवसर मिलेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बराबर चुनाव होते रहते हैं और इससे राष्ट्रीय विकास प्रभावित होता है इसलिए पूरे देश को अब एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है. ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के सपने को साकार करने के लिए सबको आगे आने की जरूरत है.