जमुई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जमुई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए देश के 60,000 से अधिक आदिवासी गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना की घोषणा की. इस योजना का नाम “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” है, जिसे आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत करीब 80,000 करोड़ रुपये आदिवासी गांवों में लगाए जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “इस विशेष अभियान का उद्देश्य आदिवासी समाज तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना और युवाओं के लिए प्रशिक्षण व रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है. इसके तहत आदिवासी क्षेत्रों में जनजातीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय उत्पादों का सही मूल्य मिल सके और आदिवासी समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके.

उन्होंने आगे कहा कि योजना के तहत आदिवासी परिवारों को ‘होम स्टे’ बनाने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी. इससे न केवल स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि यह आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. “हमारे जंगलों और आदिवासी क्षेत्रों में इको-टूरिज्म की परिकल्पना को अब वास्तविकता में बदलने का समय आ गया है. इससे पर्यटन क्षेत्र को बल मिलेगा और पलायन की समस्या भी खत्म होगी. प्रधानमंत्री ने कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि यह योजना आदिवासी समुदायों को उनके प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करने में मदद करेगी और उन्हें पारंपरिक जीवनशैली के साथ-साथ आधुनिक विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी.

प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज के समृद्ध भविष्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक धरोहर और जीवनशैली को सशक्त बनाएगी इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री मोदी ने समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों को इस अभियान में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया और इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया.

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