Joharlive Team
कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना मंजूर नहीं
भारत आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता
रांची/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्टÑ को संबोधित करते हुये कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। 42 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, करीब पौने तीन लाख लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। सभी के प्रति अपनी संवेदना जताता हूं। एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्वभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही है। सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है, हमने ऐसा संकट न देखा है न सुना है। मानव जाति के लिए ये सब कुछ कल्पनीय है, अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंजूर नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है-आत्मनिर्भर भारत। एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। उन्होंने कहा कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में हर रोज 2 लाख पीपीई और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा।
अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में भूमि, श्रम, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे टरटए के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है।
भारत आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख,सहयोग और शांति की चिंता होती है।
पीएम मोदी ने कहा
्रपीएम मोदी ने कहा, हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी भारत की है।
हमें दुनिया को विस्तार से देखने का मौका मिला है।
कोरोना संकट के बीच जो स्थिति बन रही है उसे भी देख रहे हैं।
21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना भी है ये हमारी जिम्मेदारी भी है।
ये स्थिति हमें सिखाती है कि इसकी मांग एक ही है-आत्मनिर्भर भारत
हमारे शास्त्र में कहा गया है कि यही रास्ता है-आत्मनिर्भर भारत
विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा
कोरोना संकट क बीच मैं विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करता हूं।
ये पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।
हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थी, और आज जिस पैकेज का एलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब 20 लाख करोड़ रुपये का है।
ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब 10 प्रतिशत है।
इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को 20 लाख करोड़ रुपये का संबल मिलेगा।
20 लाख करोड़ का ये पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को नई गति देगा।
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पूरा करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया है।
हमारे कुटीर, गृह उद्योग, के लिए हैं जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक, किसान के लिए है जो हर स्थिति हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम करता है।
ये पैकेज उस मध्यम वर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देता है।