Joharlive Team
देवघर। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक सभी को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। वहीं सरकारी स्तर पर विभागीय स्तर पर जैसी उदासीनता बरती जा रही है। उसे देखकर लगता नहीं कि सबको पक्का मकान उपलब्ध कराने जैसी महत्वकांक्षी योजना को धरातल पर उतारे जाने को गम्भीर है।
ज्ञात हो कि जिले के सारवां प्रखण्ड अंतर्गत नारंगी पंचायत के पहरीडीह निवासी महेंद्र यादव का कच्चा खपरैल मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है किंतु इसकी सुधि तक लेने वाला कोई नहीं।
महेंद्र यादव पिता राजकुमार यादव अपनी पत्नी कविता देवी,बच्चे उमेश यादव,गायत्री कुमारी,सुमित्रा कुमारी एवं जयंती कुमारी के साथ लगभग ध्वस्त हो चुके अपने उस घर में -धूप-बरसात में झेल कर जैसे-तैसे जीवन यापन को मजबूर हैं।
दैनिक मजदूरी करने वाले महेंद्र यादव कहते हैं उसने अपने स्तर से प्रखण्ड कार्यालय में संपर्क किया ताकि उसे भी प्रधानमंत्री आवास मिल सके किन्तु सरकारी कार्यालय में न तो इस बाबत जानकारी ही दी गयी और ना ही आवास प्राप्त करने की प्रक्रिया ही समझाई गयी उल्टा कभी इसके तो कभी उसके पास भेजा जाता रहा ।
महेंद्र यादव ने बताया कि प्रखण्ड कार्यालयों के लगातार चक्कर लगाने से उसका दैनिक दिहाड़ी का कार्य भी प्रभावित हुआ जिसकारण परिवार के समक्ष भोजन का संकट होने लगा तो उसने थक-हार कर प्रखण्ड कार्यालय का चक्कर लगाना छोड़ भगवान भरोसे जिंदगी गुजारने की विवश है।
ज्ञात हो कि आंधी-बारिश की स्थिति में सपरिवार रतजगा करने को मजबूर हैं किंतु अबतक उम्मीद की कोई किरण नहीं दिख रहा है कि उसे एक अदद प्रधानमंत्री आवास मिल सके।