Joharlive Team
दुमका। जिला प्रशासन ने कोराना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर जारी लाॅकडाउन की वजह से बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना बंद रहने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे पुरोहितों, मंदिर प्रबंधन से जुड़े कर्मियों, व्यवसायियों और उनके आश्रितों की मदद की दिशा में पहल शुरू कर दी है।
कोराना महामारी से बचाव के मद्देनजर श्रावणी मेला के आयोजन पर भी संशय की स्थिति बरकरार है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण पिछले 25 मार्च से बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर का पट बंद है और इस वजह से श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं। आवागमन बंद रहने से श्रद्धालुओं का यहां आने भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। इससे लगभग साढ़े पांच सौ से अधिक पुरोहितों के अलावा विभिन्न व्यवसायों से जुड़े सैकड़ो परिवार का रोजी-रोजगार पूरी तरह ठप है और लोग गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
उपायुक्त राजेश्वरी बी. की अध्यक्षता में पुरोहितों और विभिन्न व्यवसायों से जुडे आश्रितों की समस्याओं के निदान के मुद्दे पर बाबा बासुकिनाथ मंदिर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर पर आश्रित लोगों को मदद पहुंचाने की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक पहल की जा रही है। मंदिर बंद होने के कारण तीर्थ पुरोहित, गुमास्ता, नाई, फूल विक्रेता, जल विक्रेता आदि काफी लोग प्रभावित हुए हैं। इस तरह के लगभग 550 लोगों को चिन्हित किया गया है। सभी को राशन उपलब्ध कराया जायेगा।