रांची : लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 5 आदिवासी सीटों से हारने के बाद भाजपा का प्रदेश नेतृत्व प्रेशर में है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को विधानसभा की सभी 28 आदिवासी सुरक्षित सीटों पर प्लानिंग करने और पूरी रणनीति के साथ चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया है. साफ छवि और जनाधार वाले नेताओं को चुनाव में टिकट देने और बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने को कहा गया है. टिकट बंटवारे में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव बाबूलाल मरांडी की अकेले चलने वाली नहीं है. हर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी के चयन में चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा और प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी की सहमति जरूरी होगी. भाजपा के अंदर आदिवासी सुरक्षित हर सीट के संभावित प्रत्याशियों की चर्चा शुरू हो गई है.
सभी प्रमुख आदिवासी नेताओं को सेफ सीट से उतारा जाएगा
भाजपा अपने प्रमुख नेताओं को सेफ सीट पर उतारेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा खरसावां से चुनाव लड़ सकते हैं. मुंडा इस सीट से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वहीं पूर्व मंत्री लुईस मरांडी इस बार लिट्टीपाड़ा से चुनाव लड़ सकती हैं. वे पिछला दो चुनाव दुमका से हार चुकी हैं. इसलिए इस बार उन्हें लिट्टीपाड़ा भेजकर दुमका से सांसद रहे सुनील सोरेन को दुमका में आजमाया जा सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोहरदगा से सांसद रहे सुदर्शन भगत को गुमला से चुनाव लड़ाये जाने की चर्चा है, जबकि लोहरदगा से लोकसभा चुनाव हारे समीर उरांव को बिशुनपुर विधानसभा से उतारा जा सकता है. सोरेन परिवार की बड़ी बहू या उनकी बेटी को जामा विधानसभा सीट से उतारने की चर्चा है, वहीं सिंहभूम की पूर्व सांसद गीता कोड़ा जगरनाथपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी हो सकती हैं.
आदिवासी सुरक्षित 28 सीटों के संभावित प्रत्याशी
विधानसभा सीट संभावित प्रत्याशी
बोरियो ताला मरांडी
बरहेट सिमोन मालतो
लिट्टीपाड़ा लुईस मरांडी
शिकारीपाड़ा पारितोष सोरेन
महेशपुर मिस्त्री सोरेन
दुमका सुनील सोरेन
जामा सीता सोरेन
घाटशिला लक्ष्मण टुड़ू
पोटका मेनका सरदार
सरायकेला गणेश महली
चाईबासा जेबी तुबिद
मझगांव भूपेंद्र
जगन्नाथपुर गीता कोड़ा
मनोहरपुर गुरुचरण नायक
चक्रधरपुर शशिभूषण सामड
खरसावां अर्जुन मुंडा
तमाड़ आजसू
तोरपा कोचे मुंडा
खूंटी नीलकंठ सिंह मुंडा
खिजरी रामकुमार पाहन
मांडर गंगोत्री कुजूर
सिसई अरुण उरांव
गुमला सुदर्शन भगत
बिशुनपुर समीर उरांव
सिमडेगा विमला प्रधान
कोलेबिरा सूजन जोजो
लोहरदगा आजसू
मनिका रघुपाल सिंह
2019 में भाजपा को 9 एसटी सीटों का नुकसान
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आदिवासी सुरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर कब्जा जमाया था. इन्हीं सीटों की बदौलत भाजपा प्रदेश में सत्ता में आई थी, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 9 सीटिंग सीटों पर चुनाव हार गई. भाजपा 2019 में सिर्फ खूंटी और तोरपा विधानसभा सीट जीत पाई, जबकि बोरियो, दुमका, घाटशिला, पोटका, खिजरी, मांडर, सिसई, गुमला, सिमडेगा में चुनाव हार गई.