नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र की शुरुआत में संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि राम मंदिर का इंतजार वर्षों से था, जो अब जा के पूरा हुआ. संसद के बजट सत्र की शुरुआत में संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए हुए प्रयासों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है. उन्होंने कहा, डिजिटल इंडिया का निर्माण बीते 10 साल में हुए बड़े बदलावों में अग्रणी है. आज भारत में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, जिसका सपना हर भारतीय देखता था. राष्ट्रपति ने कहा, ‘सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मजबूत स्तंभों पर खड़ी होगी. उन्होंने युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब को चार स्तंभ करार दिया. उन्होंने कहा कि वैश्विक संकटों के बावजूद मेरी सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी.
देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मेरी सरकार हर स्तर पर काम कर रही है. किसानों के लिए हो रहे प्रयासों को गिनाते हुए उन्होंने कहा, सरकार का प्रयास है कि खेती में लागत कम हो और किसानों को लाभ अधिक हो. उन्होंने कहा कि जनकल्याण की तमाम सरकारी योजनाओं से बदलाव आ रहा है. ये सिर्फ सुविधाएं भर नहीं, देश के नागरिकों के पूरे जीवन-चक्र पर इन योजनाओं का सकारात्मक असर पड़ रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा, विश्व में आज ऐसे उत्पादों की विशेष मांग है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों. इसलिए मेरी सरकार zero effect zero defect पर बल दे रही है. आज ग्रीन एनर्जी पर हमारा बहुत फोकस है. 100 वर्षों में non-fossil fuel पर आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावॉट से बढ़कर 188 गीगावॉट हो गई है. बीते कुछ सालों में देश में लाखों इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण हुआ है. अब तो बड़े हवाई जहाल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कदम आगे बढ़ा चुके हैं. मेड इन इंडिया ग्लोबल ब्रांड बन गया है. आत्मनिर्भर भारत के महत्व को समझ रही है. आज दुनियाभर की कंपनियां भारत में नए सेक्टर्स को लेकर उत्साहित हैं. आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं. जम्मू कश्मीर में आज सुरक्षा का वातावरण है. आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं, भीड़ भरे बाजार की चहल-पहल है. नॉर्थ-ईस्ट में अलगाववाद की घटनाओं में भारी कमी आई है.
आदिवासियों के गांवों तक इंटरनेट पहुंचा रहे हैं. हमने सरकार के कर्तव्यों पर भी बल दिया है. हमारी सीमाओं से सटे गांवों को देश का अंतिम गांव माना जाता था. मेरी सरकार ने इन्हें देश का पहला गांव बनाया. इन गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया है. ऐसे क्षेत्रों को भी पहली बार विकास से जोड़ा है, जो दशकों तक उपेक्षित रहे हैं.
मेरी सरकार, मानव केंद्रित विकास पर बल दे रही है. हमारे लिए हर नागरिक की गरिमा सर्वोपरि है. यही सामाजिक न्याय की हमारी अवधारणा है. भारत के संविधान के हर अनुच्छेद का संदेश यही है. मेरी सरकार ने पहली बार जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों की सुध ली है. उनके लिए करीब 24 हजार करोड़ की पीएम जनमन योजना बनाई है. दिव्यांगजन के लिए भी मेरी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाया. साथ ही भारतीय सांस्कृतिक भाषा में पाठय पुस्तकें उपलब्ध कराई हैं. ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए भी कानून बनाया है. हमारी सरकार ने पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण की सुविधा दी है.
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