नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को रविवार को ‘भारत रत्न’ देकर सम्मानित दिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें घर जाकर सम्मानित किया. लालकृष्ण आडवाणी को देश में राम मंदिर आंदोलन का अगुआ माना जाता है. साथ ही कांग्रेस के खिलाफ विपक्षी दल के रूप में भाजपा को प्रमुखता से उभारने में उनकी अहम भूमिका रही. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान देश के उप प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी.

इस मौके पर पीएम मोदी समेत उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद रहे. हालांकि कल ही राष्ट्रपति आवास पर 30 जनवरी को चयन किए गए लोगों को भारत रत्न से नवाजा गया था. लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से आडवाणी राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंच सके थे.

मालूम हो कि कल राष्ट्रपति भवन में हुए भारत रत्न सम्मान समारोह में कर्पूरी ठाकुर, एमएस स्वामीनाथन, चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. हालांकि इससे पहले भी आडवाणी को उन के योगदान के लिए साल 2015 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उस समय आडवाणी की उम्र 90 साल थी और वो अस्वस्थ थे जिस के चलते निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर उनको सम्मानित करने गए थे.

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