नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं. जिसके बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है. नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. यह आरक्षण 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. भारत सरकार ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की है. बता दें कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक को गुरुवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति के पास उनके अनुमोदन के लिए भेजा गया था. इसी महीने की शुरुआत में संसद के विशेष सत्र के दौरान संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था. इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा.