Johar Live Desk : आगामी बजट 2025 में मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिलने की उम्मीद है. मिली जानकारी के अनुसार सरकार नए टैक्स सिस्टम में कोई खास छूट नहीं देने की योजना बना रही है. ऐसे में टैक्स स्लैब में बदलाव और सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा सकता है. इस साल सरकार की योजना स्टैंडर्ड डिडक्शन को और बढ़ाने की है, ताकि सभी करदाताओं को राहत मिल सके. इसके अलावा उच्च आय वर्ग के लिए भी स्लैब में बदलाव की संभावना है.
पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था, साथ ही स्लैब में भी बदलाव किया था. इससे 17,500 रुपये की बचत हुई थी.
बता दें कि सरकार स्वास्थ्य बीमा और पेंशन जैसे खर्चों के लिए भी अधिक छूट देने पर विचार कर रही है, ताकि देश में लोगों को राहत मिल सके, जहां सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर सभी को अपने स्वास्थ्य और पेंशन का ख्याल खुद रखना पड़ता है. इसके साथ ही कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सुझाव दिया गया है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म कर दिया जाना चाहिए, जिसका फायदा हाउस रेंट अलाउंस और होम लोन जैसे भत्तों का लाभ उठाने वालों को मिले.
पुरानी कर प्रणाली में बदल जाएगी नई कर प्रणाली!
एसबीआई की रिपोर्ट में स्वास्थ्य बीमा के लिए 50,000 रुपये और एनपीएस अंशदान के लिए 75,000 रुपये या 1 लाख रुपये की कटौती का प्रस्ताव दिया गया है. हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नई कर प्रणाली में छूट और कटौती धीरे-धीरे इसे पुरानी कर प्रणाली में बदल देगी, जिससे बजट पर दबाव पड़ेगा. फिर भी, करदाताओं को एक विकल्प देने की बात चल रही है, ताकि वे अपनी स्थिति के अनुसार सबसे फायदेमंद विकल्प चुन सकें.
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