Joharlive Team

रांची। दसवीं कक्षा की जैक बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने जा रही है और इसे लेकर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ-साथ म की ओर से भी तैयारी की जा रही है. इस बार कोरोना के कारण स्कूलों में तालाबंदी थी। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधकों और अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन तरीके से विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा कर लिया गया है। फिलहाल ऑफ़लाइन माध्यम से स्कूलों में उनका रिवीजन करवाया जा रहा है।

कोरोना वायरस के मद्देनजर वर्ष 2021 में आयोजित होने वाली दसवीं की परीक्षाओं को लेकर तमाम परीक्षा बोर्ड की ओर से सिलेबस में कटौती की गई है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने भी 40 फीसदी कटौती सिलेबस में किया है। वहीं आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड में भी दसवीं की परीक्षा सिलेबस में कटौती की गई। 60 प्रतिशत सिलेबस के तहत ही बोर्ड अब 10वीं की परीक्षा आयोजित कराएगी।

मई महीने में विभिन्न बोर्ड की ओर से आयोजित की जा रही है परीक्षा है
एक तरफ जहां झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से ली जाने वाली दसवीं की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 21 मई तक चलेगी. सीबीएसई की परीक्षाएं 6 मई से इंग्लिश पेपर के साथ शुरू होगी. इस बार 6 मई से 7 जून 2021 तक दसवीं की परीक्षाएं सीबीएसई आयोजित कर रहा है. जबकि आईसीएससी बोर्ड ने भी परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया है। 5 मई से आईसीएससी की परीक्षा शुरू होगी, जो 7 जून तक चलेगी। इन तीनों बोर्ड की परीक्षाएं हमेशा फरवरी-मार्च के बीच आयोजित होता आया है. लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण दो महीने विलंब से यह परीक्षाएं आयोजित की जा रही है।

लॉकडाउन की वजह से स्कूलों में तालाबंदी के कारण पठन-पाठन सही तरीके से नहीं हुई है. इस वजह से सिलेबस में कटौती कर परीक्षाओं के तारीख को को भी बढ़ाया गया है. आमतौर पर पाठ्यक्रम जनवरी के महीने तक पूरा हो जाता है और फरवरी तक रिवीजन का दौर शुरू हो जाता है. हालांकि स्कूल प्रबंधक और विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ जैक की ओर से भी दावा किया जा रहा है कि विद्यार्थियों का सिलेबस दसवीं परीक्षा को लेकर ऑनलाइन तरीके से पूरा कर लिया गया है। ऑफलाइन परामर्श के साथ ही उनका रिविजन स्कूलों में हो रहा है।

इसके उलट विद्यार्थियों का कहना है कि ऑनलाइन विधि से पठन-पाठन का कुछ खास फायदा उन्हें नहीं मिला है।हालांकि जब से ऑफलाइन तरीके से स्कूल में पढ़ाई शुरू हुई है. इससे फायदा मिल रहा है। बोर्ड परीक्षा को लेकर विद्यार्थी तैयार है और परीक्षा सही तरीके से होगा इसकी उम्मीद भी वो कर रहे हैं. जबकि शिक्षक परीक्षार्थियों के सिलेबस कंप्लीट करने को लेकर अभी भी जुटे हुए हैं. स्कूल प्रबंधन चाहते हैं परीक्षार्थी बेहतर तरीके से परीक्षा दे ताकि स्कूल का परीक्षा परिणाम बेहतर हो सके।

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