धनबाद: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार नजर आ रही है. खासकर ग्रामीण इलाकों में गरीब मरीजों की जान इसलिए चली जाती हैं, क्योंकि उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाता है. सुदूर ग्रामीण इलाके में झोलाछाप डॉक्टर अपने आपको सबसे अच्छे डॉक्टर सिद्ध करने के चक्कर में अनेक मरीजों की जान ले बैठते हैं. ताजा मामला निरसा प्रखंड क्षेत्र का है. ग्रामीणों के मुताबिक तेतुलिया मोड़ के समीप सेवा क्लिनिक एंड नर्सिंग होम नाम से एक अवैध अस्पताल चलाया जा रहा था, जिसमें झोलाछाप डॉक्टर मरीज का इलाज करते नजर आते थे.
बरैयगढ़ा की एक 22 वर्षीय प्रसूता अस्पताल में भर्ती हुई. उसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा डराया गया कि उसकी सामान्य डिलीवरी नहीं हो सकती है. इसलिए आनन-फानन में उसका ऑपरेशन कर दिया गया. वही ऑपरेशन में गड़बड़ी होने से एक घंटे के बाद प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी. उसे देखने वाला कोई नहीं था. वहीं डॉक्टर नर्स के भरोसे ही महिला को छोड़ा गया था. कुछ समय बाद महिला की मृत्यु हो गई. जिसके बाद से ग्रामीण लगातार हंगामा कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सिविल सर्जन उचित ध्यान नहीं देते हैं. जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टर भी अपने आप को डिग्री धारी बताते हुए गरीब लोगों का इलाज करते हैं और ज्ञान के अभाव में मरीज का जान चली जाती है.
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