रांची: कोरोना महामारी के आने के बाद विभाग ने हेल्थ सिस्टम को दुरुस्त करने पर फोकस किया है. जिसके तहत प्राइमरी सुविधाएं बेहतर की जा रही है. प्राइमरी हेल्थ सेंटर, हेल्थ सब सेंटर के लिए नए भवन बनाए जा रहे है. जिससे कि मरीजों को इलाज की सुविधाएं अपने आसपास ही मिल सके. अब स्वास्थ्य विभाग प्री-फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल का निर्माण करा रहा है. इस योजना के तहत कांके और बुंडू में 50-50 बेड के प्री फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल की मंजूरी मिल गई है. जहां पर मरीजों को रखकर उनका इलाज किया जाएगा. वहीं इमरजेंसी की स्थिति में इन हॉस्पिटलों के बेड मरीजों को दिए जाएंगे. इतना ही नहीं इन हॉस्पिटलों को एक जगह से उठाकर दूसरे जगह शिफ्ट भी किया जा सकेगा.

आसानी से खुल जाएगा पूरा हॉस्पिटल

प्री-फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल में कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. एल्युमिनियम के स्ट्रक्चर और जीआई शीट्स के अलावा वैसे मेटेरियल का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे जरूरत पड़ने पर तत्काल शिफ्ट किया जा सकेगा. इससे भविष्य में कभी आपातकालीन वाली स्थिति आएगी तो पूरे हॉस्पिटल को शिफ्ट कर लिया जाएगा. बता दें कि इस हॉस्पिटल में सुविधाएं तो सभी होगी. लेकिन भवन परमानेंट नहीं होगा. इसमें वैसे मेटेरियल लगाए जाएंगे जिसे आसानी खोलकर दूसरे जगह ले जाया जा सकेगा.

इसीआरपी फेज 2 के तहत मिले 638 करोड़

इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज (इसीआरपी) फेज 2 के तहत झारखंड में 19 जगहों पर 50-50 बेड वाले हॉस्पिटल का निर्माण किया जाना है. इसके लिए 638.90 करोड़ का पैकेज स्वीकृत है. ऐसे में प्रति यूनिट प्री-फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के लिए साढ़े तीन करोड़ का बजट है. वहीं इसके संचालन के लिए 17,64,47,000 रुपए की स्वीरकृति दी गई है. भवन निर्माण निगम ने इसका डीपीआर बनाकर दे दिया है. वहीं जल्द ही इस हॉस्पिटल का काम शुरू हो जाएगा. इन हॉस्पिटलों के बन जाने से मरीजों को अब बड़े हॉस्पिटलों की दौड़ लगाने से छुटकारा मिल जाएगा. चूंकि इन हॉस्पिटलों में जरूरी जांच के साथ इलाज के भी पुख्ता इंतजाम रहेंगे.

 

 

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