Patna : बिहार के पटना स्थित पीरबहोर सिविल कोर्ट से निकलने के बाद जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने सोमवार को कहा कि सत्याग्रह जारी रहेगा। इसलिए बेल ठुकराकर जेल जाना मैंने स्वीकार किया है। यह मौलिक लड़ाई है। नीतीश और भाजपा के लाठीतंत्र को उखाड़ फेकना है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे कोर्ट में लाया गया। यहां सीडीजीएम ने मुझे बेल दी लेकिन शर्त रखा गया कि आप फिर से ये सब नही करेंगे। इसलिए मैने उस बेल को रिजेक्ट कर दिया है और जेल जाना स्वीकार किया है। क्योंकि, यह एक मौलिक लड़ाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं और युवाओं पर लाठी चलाना जायज है और उसके खिलाफ आवाज उठाना जुर्म है तो हम जेल जाने के लिए तैयार हैं। गांधी मैदान जो कि एक पब्लिक प्रॉपर्टी है वहां जाकर अपनी मन की बात रखना और जिस बिहार में गांधी ने सत्याग्रह की यदि वहां सत्याग्रह करना गुनाह है तो हमें वो गुनाह करना मंजूर हैं। इसलिए मैने बेल नहीं लिया। क्योंकि, इस लड़ाई में जिन युवाओं ने मेरा साथ दिया, ये उनके साथ धोखा होगा।
जन सुराज के नेता ने कहा कि ये जो मेरा अनशन 5 दिन से चल रहा है वह जेल में भी जारी रहेगा। जब तक सरकार इसका रास्ता नहीं निकलती ये बदलने वाला नहीं है। साथ ही उन्होंने समर्थकों से अपील की कि पुलिस वालों के साथ धक्का–मुक्की नहीं कीजिए, इन्हें ऊपर से आदेश है। इसलिए ये ऐसा कर रहे हैं। यह अभियान लाठीतंत्र चलाने वाले नीतीश और भाजपा को उखाड़ने का अभियान है।
यहां याद दिला दें कि जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे। इसके बाद 6 जनवरी को भोर चार बजे बिहार पुलिस प्रशांत किशोर को आमरण अनशन स्थल गांधी मूर्ति से गिरफ्तार कर 5 घंटे तक एंबुलेंस में घुमाती रही। फिर उन्हें फतुआ के सामुदायिक अस्पताल ले गई और उसके बाद पीरबहोर सिविल कोर्ट पटना लेकर आई। यहां से निकलने के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत की। इसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
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