देवघर: देवघर जिले के नए सिविल सर्जन की पोस्टिंग में चुनाव आचार संहिता बाधक बन सकती है. माना जा रहा है कि चुनाव के बाद ही जिले में स्वास्थ्य मुख्यालय स्तर से नए सिविल सर्जन की पोस्टिंग होगी. क्योंकि अभी आचार संहिता लागू है और पोस्टिंग पर रोक है. अगर स्वास्थ्य विभाग का काम प्रभावित होगा तो विभाग चुनाव आयोग से अनुमति लेकर नए सिविल सर्जन की पोस्टिंग कर सकती है. लेकिन इसमें भी कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा. उधर, सिविल सर्जन की कुर्सी खाली रहने से जिलास्तर पर स्वास्थ्य विभाग के सारे कामकाज ठप पड़ जाएंगे. खासकर स्वास्थ्य विभाग की वैसी योजनाएं, जो सीधे जनता से जुड़ा हुआ है. क्योंकि सिविल सर्जन अपने विभाग के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी और वित्तीय प्रभार में होते हैं. उनके साइन से ही फंड जारी होता है. लेकिन सिविल सर्जन की कुर्सी वित्त संबंधी सारे कामकाज ठप पड़ सकता हैं. उल्लेखनीय है कि देवघर के सिविल सर्जन डॉ, रंजन सिन्हा को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बुधवार को 70 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था. इसके बाद सिविल सर्जन की कुर्सी खाली हो गई है. हालांकि अब तक घूसखोरी के आरोपी डॉ. सिन्हा का निलंबन संबंधी पत्र भी स्वास्थ्य मुख्यालय से जारी नहीं हुआ है.

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