Joharlive Team
रांची/गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिला में आतंक का पर्याय बना इनामी नक्सली तूफान की मौत के बाद संगठन में तूफान मच गया है। रांची के रिम्स में इलाजरत तूफान की बुधवार को मौत हो गयी है। पिछले कई महीनों से तूफान बीमार चल रहा था। गिरिडीह जेल में इलाज होने के बाद बेहतर चिकित्सा के लिए रिम्स भेजा गया था। रिम्स के जेल वार्ड में इलाज चल रहा था। जहां बीते दिन मौत हो गयी है। रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद गिरिडीह जेल प्रशासन सुरक्षा घेरे में तूफान के डेडबॉडी को लेकर रांची से गिरिडीह लौट रहे है।
तूफान पर निजी सुरक्षा कंपनी के पांच गार्डों की हत्या समेत कई नक्सली कांडों को अंजाम देने का आरोप है। मृतक माओवादी तूफान दा गिरिडीह जिले पीरटांड़ थाना क्षेत्र के झरहा गांव का रहने वाला था। बीते 12 जुलाई को गिरिडीह पुलिस ने इसके गांव झरहा से गिरफ्तार किया था। नक्सली संगठन में कई नामों से प्रसिद्ध तुफान की मौत के बाद झरहा में मातम का माहौल है। उसके घर में एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। यह नक्सली तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कु पीरटांड़ थाना इलाके के झरहा निवासी तूफान मांझी उर्फ किशोरचंद किस्कू उर्फ राजकुमार किस्कू उर्फ अनिल किस्कू उर्फ किशोर दा सहित कई अन्य नामों से नक्सली वारदातों को अंजाम दिया करता था । तूफान की गिरफ्तारी पीरटांड़ थाना इलाके से की गयी थी।
पुलिस के मुताबिक तूफान 4 अगस्त 2010 को पीरटांड़ के पांडेयडीह में गिरिडीह-डुमरी पथ पर बारूदी सुरंग विस्फोट कर कैश वैन उड़ाने, वाहन पर सवार पांच निजी सुरक्षा गार्ड की हत्या, वर्ष 2001 धनबाद के तोपचांची कैम्प पर हमला समेत कई कांडों में नामजद था। तूफान की मौत की सूचना पर सदर विधायक सुदिव्य कुमार मृतक के घर पहुंचे। इस दौरान परिजनों ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद तूफान की पिटाई की गई थी, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और समुचित इलाज नहीं कराया गया। विधायक ने इस मामले को सीएम के समक्ष रखने की बात कही है।