जमशेदपुर : यह जमशेदपुर का मानगो स्वर्णरेखा नदी घाट है, यहां सैकड़ों प्रतिमाएं विसर्जित की गई हैं. लेकिन विसर्जन के बाद आप देख सकते हैं कि किस तरह मानगो स्वर्णरेखा नदी घाट प्रदूषित हो चुका है. नदी का पानी हो या फिर नदी का किनारा, सभी जगहों पर सिर्फ पूजन सामग्री ही दिखाई पड़ रही हैं.
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क्या है मामला
जरूरत है विसर्जन के समय पूजन सामग्री को पानी में फेंकने के बजाय एक जगह एकत्रित करने की, ताकि स्वर्णरेखा नदी प्रदूषित ना हो. जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष नदी किनारे दो बड़े-बड़े गड्ढे बनाए जाते हैं ताकि लोग उसमें ही विसर्जन की सामग्री फेंकें. लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी है. इस गड्ढे में विसर्जन सामग्री ना फेंक कर नदी घाट और नदी में ही फेंक दी. इससे नदी के साथ-साथ नदी घाट पर भी गंदगी का आलम है. इस कारण लोग पूजन सामग्री भी नदी में बहा देते हैं. मूर्ति में विभिन्न तरह के केमिकल मिलाकर प्रतिमाएं बनाई जाती हैं, जो पानी में घुलकर पानी को भी प्रदूषित करते हैं.
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