पश्चिमी सिंहभूम: गोइलकेरा में नक्सली हमले का शिकार हुए मनोहरपुर के पूर्व भाजपा विधायक गुरुचरण नायक के 2 अंगरक्षकों की मौत के बाद झारखंड की राजनीति गरमा गई है। बुधवार को पूर्व विधायक से मुलाकात के लिए रांची से पश्चिमी सिंहभूम पहुंचे भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के काफिले को पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रोक दिया। चक्रधरपुर थाने के पहले ही मरांडी का काफिला रोका गया। इससे पार्टी के कार्यकर्ता भड़क गए।
पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के रवैये के खिलाफ सड़क पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। प्रशासन की ओर से कहा गया कि वह पूर्व विधायक को चक्रधरपुर ही बुला देंगे। यहीं मुलाकात हो जाएगी। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। बाबूलाल मरांडी ने DGP को फोन लगाकर स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने यूटर्न लेते हुए काफिले को आगे जाने की अनुमति प्रदान कर दी।
मरांडी ने राज्स सरकार को निशाने पर लिया
काफिला रोके जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या पश्चिमी सिंहभूम के 5 प्रखंडों में सरकार का राज नहीं चल रहा है। क्या इन इलाकों में पुलिस कानून लागू नहीं करा पा रही है। क्या इन इलाकों में नक्सलियों का राज चल रहा है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर वह दिन के समय सड़क से इन क्षेत्रों में नहीं जा सकते तो फिर इन इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन कैसे गुजर रहा है। इस पर विचार किया जाना चाहिए। इनमें सोनुवा, मनोहरपुर, गोइलकेरा, गुदड़ी तथा बंदगांव शामिल हैं। काफिला रोकने की सूचना के बाद सोनुवा में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने रास्ता जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने काफिले को आगे जाने की अनुमति प्रदान कर दी।