मैनपुरी: हाथरस सत्संग में श्रद्धालुओं की मौत के मामले में पुलिस ने मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के मुख्य सेवादार व अन्य आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. वहीं, प्रशासन ने कार्रवाई की कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. जिस धार्मिक कार्यक्रम में भगदड़ मची थी, उसके ‘मुख्य सेवादार’ कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर व अन्य आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126 (2), 223 व 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है.
डीजी जोन आगरा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. यह जानकारी भाजपा विधायक व यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने दी है. बता दें कि सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 116 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं. यह हादसा उस समय हुआ, जब नारायण विश्वहारी उर्फ भोले बाबा फुलरई मुगलगढ़ी में सत्संग समाप्त कर बाहर आ रहे थे.
देर रात अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर ने 116 लोगों की मौत की पुष्टि की है. जिसमें 98 महिलाएं, 7 बच्चे और 11 पुरुष हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सत्संग में सवा लाख से अधिक लोग मौजूद थे. समाप्ति के बाद सभी को जाने की जल्दी थी. गर्मी और उमस से श्रद्धालु परेशान थे. इस बीच बाबा का काफिला निकालने के लिए लोगों को रोका गया. हर कोई बाबा को करीब से देखना चाहता था. ऐसे में पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ता जा रहा था.
सड़क के पास दलदली मिट्टी और गड्ढे होने के कारण आगे खड़े लोग दबाव नहीं झेल पाए और एक के बाद एक गिरने लगे. खास तौर पर लोग जमीन पर लेटे महिलाओं और बच्चों के ऊपर से गुजरते रहे. जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए. बता दें कि भगदड़ इतनी खतरनाक थी कि सभी लोग वहां से निकलने के लिए भाग पड़े और कौन गिर रहा है इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा.
सभी लोग खुद को बचाने के लिए खेत की ओर भाग रहे थे. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने गड्ढे में से कई शवों को बाहर निकाला. बता दें कि यह सत्संग का आयोजन 150 बीघा के मैदान पर किया गया था. वहीं इससे दूर पार्किंग बनाई गई थी, जहां वाहनों को खड़ा करने की कोई व्यवस्था नहीं थी.