रांची । रायपुर स्थित नवकार ज्वेलर्स से चोरी गए 80 लाख के जेवरात की सिमडेगा में बरामदगी के बाद हेराफेरी के मामले में पुलिस की हर तरफ किरकिरी हो रही है। डीआइजी की जांच रिपोर्ट में सिमडेगा के एसपी डा. शम्स तबरेज की कार्यशैली पर लगे गंभीर आरोपों पर पुलिस मुख्यालय ने आठ नवंबर को एसपी से स्पष्टीकरण पूछा था। एक सप्ताह के भीतर एसपी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अब तक अपना जवाब नहीं दिया है।
इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने अब राज्य सरकार से अनुशंसा की है कि एसपी सिमडेगा डा. शम्स तबरेज ने अपने ऊपर लगे आरोपों के विरुद्ध अपना जवाब नहीं दिया है। उनपर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।अब इस मामले में एसपी के खिलाफ कार्रवाई के बिंदु पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है। पुलिस मुख्यालय ने अपनी अनुशंसा के साथ डीआइजी की रिपोर्ट की कॉपी भी लगाई है, जिसमें एसपी पर गंभीर आरोप लगे थे।
गौरतलब है कि रायपुर से चोरी गए जेवरात की सिमडेगा में बरामदगी के बाद हेराफेरी मामले में रांची के डीआइजी पंकज कंबोज ने जब जांच की तो सिमडेगा पुलिस की कार्यशैली कटघरे में खड़ी हो गई। भले ही इस मामले में बांसजोर के तत्कालीन ओपी प्रभारी आशीष कुमार, एएसआइ संदीप कुमार व पुलिस चालक शाहिद गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, अब एसपी व थानेदार के बीच कथित वायरल आडियो से नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। इस प्रकरण में एसपी डा. शम्स तबरेज की भूमिका व कार्यशैली की सीआइडी जांच जारी है।
आज वायरल आडियो पर अपना मंतव्य दे सकते हैं सीआइडी के एडीजी
सिमडेगा के एसपी डा. शम्स तबरेज व बांसजोर के तत्कालीन ओपी प्रभारी आशीष के बीच हुई कथित बातचीत के वायरल आडियो की सत्यता के मामले में सीआइडी के एडीजी प्रशांत सिंह मंगलवार को अपना मंतव्य दे सकते हैं। पुलिस मुख्यालय ने उनसे मंतव्य मांगा है कि उक्त वायरल आडियो में किए गए दावे पर प्रारंभिक जांच में कितनी सच्चाई सामने आई है।