Joharlive Team

रांची। कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण में पुलिस की महत्वपूर्ण व प्रमुख भूमिका होती है, जिसे झारखंड पुलिस बखूबी से निभाते हुए अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रही है। झारखंड पुलिस को अत्याधुनिक बनाने के लिए कई नई पहल की गयी है। उक्त बातें डीके तिवारी, मुख्य सचिव, झारखंड ने राज्य स्थापना दिवस परेड समारोह के मौके पर डोरंडा स्थित जैप-1 मैदान में अपने संबोधन में कहा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था, विधि व्यवस्था तथा यातायात व्यवस्था बनाये रखना, चोर, लूटेरों से आम जनता की रक्षा करना पुलिस का अहम दायित्व है। जिसको झारखंड पुलिस बखूबी से निभा रही है। साइबर अपराध के रुप में एक नई चुनौती झारखंड पुलिस को मिली है। इस क्षेत्र में भी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए नकेल कसने की जरुरत है।


इस मौके पर मुख्य अतिथि कमल नयन चौबे ने कहा कि आज बड़े ही खुशी का दिन है कि राज्य पुलिस के तीन पुलिस पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल पदक, 30 पुलिस पदाधिकारियों/पुलिस कर्मियों को वीरता के लिए झारखंड मुख्यमंत्री पदक और 27 पुलिस पदाधिकारियों/ पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक प्रदान किया गया है। यह न सिर्फ राज्य की पुलिस के लिए, बल्कि उन पदक प्राप्त पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए भी गर्व की बात है कि कर्तव्य के प्रति उनकी प्रशंसनीय उपलब्धियों को अखिल भारतीय स्तर पर न सिर्फ सराहा गया। बल्कि, इस विशेष एवं यादगार समारोह में उन्हें अलंकृत भी किया गया है। इस दौरान डीजी जैप नीरज सिन्हा, डीजी होमगार्ड एमवी राव, डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू समेत मुख्यालय के कई अधिकारी व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

अब तक 2401 नक्सली गिरफ्तार, 182 मिले पुलिस हथियार
झारखंड पुलिस की ओर से नक्सलियों के विरुद्ध चलाये गए कारगर अभियान में लगातार सफलता हाथ लगी है। अब तक झारखंड पुलिस को कुल 2401 नक्सलियों एवं उनके समर्थकों की गिरफ्तारी में सफलता मिली है। जबकि, इनके पास से पुलिस को 182 लूटा हुआ पुलिस हथियार मिला है। इसके अलावा 51 रेगुलर हथियार, 1432 हथियार, 48,553 कारतूस, 2703 लैंड माइंस एवं ग्रेनेड और 5.68 करोड़ रुपये लेवी के बरामद की गयी है। झारखंड पुलिस के प्रयास से कुल 196 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर कर चुके है।
ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम से जुड़े 473 थाने
झारखंड ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम(जेओएफएस) से अब तक कुल 473 थाने जुड़ चुके है। इस सिस्टम के तहत अब तक कुल 38696 मामले प्राप्त हुए है। जिसमें 34078 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। वहीं 1514 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वहीं, रांची जिला अंतर्गत सीसीटीवी प्रणाली को लागू करने के लिए चिन्ह्ति 170 स्थानों में से 167 लोकेशन पर काम को पूरा किया जा चुका है। जबकि, अन्य जगहों पर काम चल रहा है।

Share.
Exit mobile version