रांची/लातेहार: झारखंड पुलिस ने बूढ़ा पहाड़ से निकल भागे दो टॉप कमांडर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सली मामा और भगिना है। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर कई आधुनिक हथियार को भी बरामद किए है। पुलिस दोनों से पूछताछ के आधार पर कई इलाकों में सर्च अभियान चला रही है। पुलिस ने माओवादियों के जोनल कमांडर रहे संजीवन और कुंदन को गिरफ्तार किया है। दोनों लातेहार के मटलौंग के रहने वाले हैं। हालांकि पुलिस अभी दोनों गिरफ्तार नक्सलियों के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ बता नहीं रही है।
सुरक्षा बलों ने पिछले साल अगस्त-सितंबर से बूढ़ा पहाड़ इलाके में माओवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान की शुरुआत की थी। ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान सुरक्षा बलों को कई सफलता भी मिली थी। लेकिन इस अभियान के दौरान कई टॉप माओवादी इलाके से भाग निकलने में सफल रहे थे। इसी दौरान 10 लाख का इनामी संजीवन और 5 लाख का इनामी कुंदन भी भाग निकला था। इसके अलावा बूढ़ा पहाड़ पर साथ भाग निकलने वालों में 25 लाख का इनामी नवीन यादव और 10 लाख का इनामी संतु भुइयां भी शामिल है। बाद में नवीन यादव ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। लेकिन नवीन के सरेंडर करने के बाद संजीवन और कुंदन पलामू, चतरा और लातेहार सीमा पर संगठन के लिए दस्ता तैयार करने की कोशिश में था। अब संजीवन और कुंदन के पकड़ में आने से पुलिस और सुरक्षा बलों को कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। बताया गया है कि दोनों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में दस्ता तैयार कर लेवी वसूलने की योजना बनाई थी।
बूढ़ा पहाड़ से माओवादियों के खात्मे के बाद सीएम हेमंत सोरेन भी वहां गए थे। अलग झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार किसी सीएम ने बूढ़ा पहाड़ की यात्रा की थी। राज्य सरकार की ओर से बूढ़ा पहाड़ इलाके में विकास की कई नई योजनाएं शुरुआत की गई है।