Joharlive Team
रांची। पुलिस राज्य में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों को नहीं रोक सकती,इसे रोकने के लिए परिजनों को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होंगी।मंगलवार को ये सारी बातें राज्य के डीजीपी एमवी राव ने एक प्रेस वार्ता में कही।मंगलवार को डीजीपी ने राज्य में बढ़ रहे अपराध और पुलिस की सफलता के बारे में बताया।उन्होने राज्य में हो रहे दुष्कर्म के मामले में डीजीपी ने चिंता जताई और कहा कि पुलिस चोरी,डकैती,मारपीट जैसे अन्य अपराध रोक सकते है पर दुष्कर्म की घटना को पुलिस रोकने में सफल नहीं हो सकती।इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों के माता पिता को देना होगा।माता पिता द्वारा दी गई शिक्षा ही बच्चों को अच्छे और बुरे काम के लिए प्रेरित करती है।इसके लिए पुलिस भी अपना सहयोग करेगी।जांच में यह पाया गया है कि परिजन अपने बच्चों की देखभाल नहीं करते उन्हे अच्छी शिक्षा नहीं मिलती।उन्हे अकेला किसी के साथ भी जाने दिया जाता है नतिजतन वे दुष्कर्म का शिकार हो रही है।इसे पुलिस नहीं रोक सकती।
दिसम्बर तक बहुत सारे त्योहार हैं,व्यवसाय के लिए भी ये समय महत्वपूर्ण है।पैसों का लेन देन बढ़ेगा ,ऐसे में पुलिस के लिए अपराध चैलेंजिंग होता है। अपराध नियंत्रण को लेकर सभी जिले के एसपी को निर्देश दिये गए हैं।
डीजीपी ने कहा, हाल के दिनों में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना घटी है।नाबालिग के साथ बलात्कार और उनकी हत्या हुई है।स्पष्ट रुप से बात सामने आई है 95% कांड में अभियुक्त की गिरफ्तारी हो चुकी है। स्पीड ट्रायल चलेगा।हर हाल में कनविक्शन होगा।ऐसे अधिकांश मामलों में अपराधी ,भुक्तभोगी के जान पहचान का है। हम लोग इस बात को लेकर परेशान है ,की इस तरह की घटना पर कैसे काबू पा सकें, ऐसे मामले में हमारी भूमिका घटना शुरु होने के बाद शुरु होती है।इसको रोकने के हर पहलू पर हमने होमवर्क किया , इसके रोकने के उपाय पर हमलोग ध्यान दे रहे हैं। इसको कैसे रोके बहुत चिंतन किया ,अध्ययन किया , कोई स्टैंडर्ड प्रैक्टिस या बातें सामने नहीं आयी।
बच्चे या बच्ची के संरक्षण का भार,,अच्छी शिक्षा , संस्कार का पहला माता- पिता का है।फिर समाज और गांव का है,आखिरी भूमिका पुलिस एजेंसी का है।
पुलिस कुछ दिनों से गोड्डा में स्पेशल ड्राइव चला कर 8 वी क्लास से ऊपर के बच्चों को , कुछ एक्सपर्ट पुलिस टिप्स देगें, कैसे सुरक्षा करना है हम पढायेगें , कैम्प लगाकर परिवार के लोग अभिभावक को भी समझाएंगे।
डीजीपी ने उदाहरण के तौर पर कहा अगर राँची के चर्च कॉम्प्लेक्स के पास किसी बेटी के सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है ,लेकिन रात के 11 बजे कोई रुक्का डैम के पीछे जाती है उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। उनके और उनके परिवार की होगी।
वहीं उन्होने बताया कि चुनिंदा पुलिसकर्मी स्कूल द्वारा दिए जा रहे ऑनलाइन क्लास में शामिल होंगे।पुलिस कर्मी 8 वीं से उपर के कक्षा के छात्रों को अपराधियों से निपटने के टिप्स देंगे।साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं और नाबालिकों के लिए सभी जिलों में बुधवार शाम तक एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा जिसमें महिला और नाबालिग यौन शोषण के बारे में मैसेज कर इसकी जानकारी दे सकती है।पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी।
साइबर के लिए 4 प्रशिक्षु आईपीएस की तैनाती
उन्होने कहा कि राज्य में साइबर अपराध पैर पसार रहा है।इसे रोकने के लिए चार प्रशिक्षु आइपीएस की तैनाती की जाएगी । ये प्रशिक्षु आईपीएस साइबर अपराध से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षित किए गए है ।राज्य में जिन थाना क्षेत्रों से ज्यादा साइबर अपराध से जुड़े मामले सामने आते है वहां इनकी पोस्टिंग की जाएगी।
गौ तस्करी रोकने के लिए पुलिस की करें सहायता
डीजीपी ने गौ तस्करी को रोकने के लिए आम जनता से मदद की अपील की है।उन्होने कहा कि कोई भी अगर गौ तस्करी के मामले को देखता है तो फौरन पुलिस हेल्पलाइन 112 या 100 डायल पर इसकी सूचना दे सकता है।उसकी पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।