रांची: खुद को सीएम की सुरक्षा में तैनात अधिकारी बताकर राजधानी के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से लाखों की ठगी करने वाला शातिर अपराधी कपिल गुप्ता गिरफ्तार हो चुका है. सुखदेव नगर और जगन्नाथपुर पुलिस के संयुक्त कार्रवाई में कपिल को धुर्वा इलाके से गिरफ्तार किया गया है. रांची पुलिस ठग कपिल गुप्ता से पूछताछ कर मामले की तह तक जाने की कोशिश में है. पिछले 6 महीने से खुद को सीएम की सुरक्षा में तैनात अधिकारी बताकर कपिल गुप्ता बड़े-बड़े दुकानों में जाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था. 27 फरवरी को रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एक नामी मोबाइल दुकान से कपिल गुप्ता ने एक कीमती मोबाइल ठग लिया था. इसी तरह कपिल ने रांची के सुखदेव नगर, जगन्नाथपुर, कोतवाली और धुर्वा थाना क्षेत्र के कई प्रतिष्ठानों से कीमती समानों की ठगी की थी.

सीएम के सिक्योरिटी अधिकारी जिस तरह के ड्रेस पहनते हैं, कपिल गुप्ता उसी तरह का ड्रेस पहन कर राजधानी के नामी प्रतिष्ठानों के अंदर जाता था. अंदर जाने के बाद वह अपने आप को सीएम सुरक्षा में तैनात अधिकारी बताकर किसी भी सामान को जल्द से जल्द देने की मांग करता था. सामान खरीदने के बाद वह ऑनलाइन पेमेंट करने की बात करता था और फिर नेटवर्क फेल है बाद में पेमेंट कर दूंगा बोलकर वह चला जाता था. कपिल यह कहता था कि वह सीएम सुरक्षा में तैनात है इसलिए उसे तुरंत जाना है लेकिन सामान लेना भी बेहद जरूरी है. दुकानदार यह समझते थे कि कपिल सीएम सिक्योरिटी में है तो पैसे दे ही देगा लेकिन, एक बार सामान ले जाने के बाद कपिल वापस नहीं लौटता और ना ही कोई पेमेंट करता था. जिसकी शिकायतें कई थाना क्षेत्रों से आने लगी और कपिल के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.


कपिल गुप्ता एक शातिर ठग है वह अपने मोबाइल में फेक पेमेंट ऐप रखा करता था. किसी भी प्रतिष्ठान से वह कीमती सामान खरीदता था फिर मोबाइल ऐप के जरिए ही पेमेंट करता था, उस दौरान उसके मोबाइल में यह दिखता था कि उसने पेमेंट कर दिया है लेकिन दुकानदार के खाते में पैसे नहीं जाते थे. दुकानदार के सवाल करने पर वह अपने आप को सीएम सिक्योरिटी में अधिकारी होने का धौंस दिखाकर कहता था कि जब पैसे भेज दिए हैं तो मिल ही जाएंगे हो सकता है कि अभी नेटवर्क का प्रॉब्लम हो.

मोबाइल के चक्कर में धराया

शातिर ठग कपिल गुप्ता ने 27 फरवरी को रांची के दुकान से मोबाइल की ठगी की थी. दुकान मालिक सुशील कुमार लोहिया ने मामले को लेकर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया था कि अपने आप को सीएम सुरक्षा में तैनात अधिकारी बताकर एक व्यक्ति ने 27000 का मोबाइल लिया और नेटवर्क नहीं होने का बहाना बनाया और पेमेंट बाद में करने का झांसा देकर मोबाइल चला गया. ठगे जाने के बाद कपिल की तलाश में दुकान मालिक सुशील कुमार लोहिया सीएम आवास भी गए थे, जहां पूछताछ के दौरान उन्हें मालूम हुआ कि इस नाम का कोई व्यक्ति यहां काम नहीं करता है. इसकी शिकायत पर कपिल की छानबीन शुरू की गई. कपिल गुप्ता ठगी का मोबाइल ही प्रयोग कर रहा था जिसके आईएमईआई नंबर की वजह से वह रविवार को पकड़ा गया. पुलिस की टीम उससे पूछताछ कर रही है.

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