गिरिडीहः भारत बंद के दौरान नक्सली बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में गिरिडीह पुलिस ने आमजनों की सुरक्षा के लिए एहतियातन कदम उठाया है. पुलिस ने अति संवेदनशील गिरिडीह-डुमरी पथ पर आवागमन को रोक दिया. हालांकि लोगों के आने-जाने के लिए दूसरे रूट की व्यवस्था की.

नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सबसे बड़े लीडर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत बंद की घोषणा की थी. बंद के दौरान झारखंड की पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है. इस बीच पारसनाथ के समीप से गुजरी गिरिडीह-डुमरी रोड ) पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया. इस पथ पर पपरवाटांड़, पीरटांड़, धावाटांड़, डुमरी में बैरियर लगा दिया गया और किसी भी तरह के वाहन के परिचालन को रोक दिया गया.

गाड़ियां इस रोड से गुजरे नहीं इसे लेकर मुफस्सिल थाना प्रभारी विनय राम, पीरटांड़ थाना प्रभारी पवन सिंह के अलावा मधुबन, डुमरी थाना के अधिकारी डटे रहे. वहीं गिरिडीह एसपी अमित रेणू के निर्देश पर एसडीपीओ अनिल सिंह और अन्य अधिकारी गश्त पर रहे.

हमले की आशंका
जो जानकारी मिली है उसके अनुसार नक्सली इस पथ पर गुजरने वाले वाहनों पर हमला कर सकते हैं. इसी सूचना को लेकर पुलिस ने एहतियातन यह कदम उठाया है. गिरिडीह-डुमरी का यह पथ घोर नक्सल प्रभावी है. पीरटांड़ होकर गुजरे इस पथ के समीप के जंगलों में नक्सलियों का मूवमेंट भी रहता है. ऐसे में पुलिस किसी प्रकार का जोखिम उठाना नहीं चाहती.

पारसनाथ की तराई है नक्सलियों का सेफ जोन
गिरिडीह का पारसनाथ का इलाका नक्सलियों का सेफ जोन भी है. कहा जाता है कि इसी पारसनाथ की तराई से नक्सलवाद (Naxalism) अविभाजित बिहार में फैला था. प्रशांत बोस भी इसी पारसनाथ की तराई से संगठन को मजबूती प्रदान करते रहे. ऐसे में इस इलाके को लेकर पुलिस पूरी तरह सावधान है.

Share.
Exit mobile version