PMAY in Bihar : बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवास निर्माण को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जहां 7338 लाभार्थियों ने आवास निर्माण के लिए प्राप्त 88 करोड़ की राशि परिवार के लिए दवा-दारू और बेटे-बेटियों की शादी समेत अन्य कामों में खर्च कर दिए, लेकिन पीएम आवास नहीं बनाया है. बता दें कि प्रति लाभार्थी 1.20 लाख रुपये (आईएपी जिले में 1.30 लाख रुपये) की राशि दी गई थी.
ऐसे हुआ खुलासा
ग्रामीण विकास विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि इन 7338 लोगों ने योजना के तहत मिली राशि को अपने अन्य खर्चों में लगा दिया, जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका. वहीं, 9908 लाभार्थियों में से 5269 का निधन हो चुका है, और 5291 के बीच जमीन विवाद जारी है, जिससे योजना का लाभ प्रभावित हो रहा है.
अधूरी पड़ी आवास योजनाएं
वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 37 लाख 1 हजार 138 आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 37 लाख 747 आवासों को स्वीकृति दी गई. अब तक 36 लाख 48 हजार 793 लाभार्थियों को तीसरी किस्त की राशि मिल चुकी है और 36 लाख 56 हजार 446 आवास बनकर तैयार हो चुके हैं. हालांकि, 44,301 आवासों का निर्माण अभी अधूरा है.
इस वर्ष भी 2.43 लाख पीएम आवास का लक्ष्य
इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2.43 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक केवल 2.87% आवास ही पूर्ण हो पाए हैं. 2 लाख 34 हजार 458 आवासों को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 2 लाख 12 हजार 12 आवासों को पहली किस्त, 75,873 को दूसरी और 5,127 लाभार्थियों को तीसरी किस्त का भुगतान किया गया है. फिलहाल, 2 लाख 72 हजार 302 आवासों का निर्माण कार्य बाकी है.
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