रांची: अपने निश्चित हार को देखकर प्रधानमंत्री बौखला गए हैं और पहले से भी ज्यादा झूठ बोलना शुरू कर दिए. याद रहे कि यह कोई सामान्य चुनाव नहीं है बल्कि देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का चुनाव है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने ये बातें कही. उन्होंने कहा कि हमें लगता था कि प्रधानमंत्री झारखंड में आने से पहले अडानी-अंबानी के यहां छापे मरवा कर आएंगे. लेकिन वह सिर्फ इधर-उधर की बात करने ही झारखंड आए थे. बेरोजगारी, भय, भूख,भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री बात नहीं करते हैं. प्रधानमंत्री जिन क्षेत्रों में चुनावी सभा करने आए थे वहां के सांसदों ने 10 वर्षों में कोई कार्य नहीं किया. जिसमें चतरा के सांसद को उन्होंने जनता के भय से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन पलामू के सांसद में क्या दिखाई दिया कि उन्होंने उन्हें फिर से मौका दिया. मोदी जी अपने सांसदों द्वारा किए गए कार्यों को नहीं बता सकते क्योंकि उन्होंने अपने सांसदों को रिजेक्ट कर दिया और यह मान लिया कि उनके सांसदों ने कोई कार्य नहीं किया है.

जनता के जीवन से खिलवाड़

मोदी जी को इलेक्टोरल बॉन्ड पर बातें करनी चाहिए, कोविशील्ड पर बातें करनी चाहिए, सिर्फ चंद रूपयों के लिए मोदी जी ने देश की जनता के जीवन से खिलवाड़ किया है. जब राहुल गांधी इस मामले में बोलते थे तब मोदी जी उनका मजाक उड़ाते थे. आज वह बातें सच साबित हो रही है. जब झारखंड की हमारी सरकार कोविड में जीवन भी और जीविका भी पर कार्य कर रही थी, तब मोदी जी वैक्सीन लगवा कर इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा ले रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी अब जिस तरह की बातें कर रहे हैं उससे लगता है कि अब तक हुए 283 सीटों के चुनाव में सिर्फ 43 सीटों पर उन्हें बढ़त दिख रही है. उससे वह हताश है. इस कारण उन्हें हिंदुस्तान -पाकिस्तान,शमशान- कब्रिस्तान की बातें करनी पड़ रही हैं ताकि वोटो का ध्रुवीकरण किया जा सके. राजधानी में उनके विधायक उरांव को,महतो को टोपी पहनाकर अल्पसंख्यक घोषित कर रहे हैं. उन्हें अपने दल में शामिल करा रहे हैं. जब देश के प्रधानमंत्री पूरे देश को टोपी पहनाने निकले हैं तो यहां के नेताओं को क्या जरूरत है की टोपी पहनाकर बताने की. अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं.

मोदी जी को भी डिबेट करना चाहिए

देश के चुनिंदा लोगों ने राहुल गांधी के साथ मोदी जी को डिबेट करने को कहा है और राहुल गांधी तैयार हैं तो मोदी जी को भी डिबेट करना चाहिए. उन्हें राहुल गांधी का सामना करना चाहिए ताकि पता चल सके कि आप मुद्दों पर बात करना चाहते हैं या मुद्दों से भटकाना चाहते हैं. एआईसीसी के मीडिया कोऑर्डिनेटर ज्योति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 80 करोड लोगों को मुफ्त राशन देने की बात कही है जबकि हकीकत यह है कि राशन 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदान प्रदान किया जाता है. जिसे डॉ मनमोहन सिंह ने पारित किया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था. 2013 में यूपीए द्वारा पारित एनएफएसए भारत के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कानून में से एक था इसके तहत 75 परसेंट ग्रामीण और 50 परसेंट शहरी भारतीयों को कानूनी अधिकार के रूप में सब्सिडी वाले राशन की गारंटी मिली थी. प्रधानमंत्री जल नल योजना की बात करते हैं तो हकीकत यह है कि झारखंड में 31 लाख लोगों को जल नल योजना का लाभ मिला,  जिसमें से 50 परसेंट राशि झारखंड सरकार द्वारा दी गई है. मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर, मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, सतीश पाल मुंजनी,कमल ठाकुर, ऋषिकेश सिंह, सोनाल शांति भी उपस्थित थे.

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