टोंक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “कांग्रेस महिलाओं का मंगलसूत्र छीनना चाहती है” वाली टिप्पणी पर बहस पर बहस छिड़ गया है. इस बीच, प्रधानमंत्री ने मंगलवार को दोहराया कि उन्होंने देश के सामने सच्चाई रखी है कि कांग्रेस एक गहरी साजिश रच रही है. आपकी संपत्ति छीनकर अपने खास लोगों में बांट देना. टोंक में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके भाषण से पूरे कांग्रेस और इंडिया धड़े में खलबली मच गई है.
कांग्रेस सच्चाई से इतनी डरती क्यों
पीएम मोदी ने कहा कि परसों जब मैं राजस्थान आया था तो मैंने अपने 90 सेकंड के भाषण में देश के सामने कुछ सच्चाईयां रखी थीं. इससे पूरे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में खलबली मच गई है. मैंने देश के सामने सच्चाई रखी थी कि कांग्रेस क्या साजिश रच रही है. आपकी संपत्ति छीनकर अपने खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश. मैंने उनकी वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति का पर्दाफाश किया. आखिर कांग्रेस सच्चाई से इतनी डरती क्यों है?
कांग्रेस होती तो सीमा पार से दुश्मन आते
पीएम मोदी ने यह भी पूछा कि अगर 2014 के बाद केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या होता. उन्होंने कहा कि 2014 में, आपने मोदी को दिल्ली में सेवा करने की अनुमति दी. तब देश ने ऐसे फैसले किए जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन सोचिए कि 2014 के बाद भी और आज भी अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या होता. अगर कांग्रेस होती तो क्या होता आज भी जम्मू-कश्मीर में हमारी सेनाओं पर पथराव होता, कांग्रेस होती तो सीमा पार से दुश्मन आते, हमारे जवानों के लिए न तो वन रैंक वन पेंशन लागू होती. हमारे पूर्व सैनिकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.
कांग्रेस की सोच तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति की रही
आगे पीएम मोदी ने अपने हमले तेज करते हुए कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति की रही है. उन्होंने कहा कि 2004 में जैसे ही केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी, उसका पहला काम आंध्र प्रदेश में एससी/एसटी के आरक्षण को कम करना और मुसलमानों को आरक्षण देना था. यह एक पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे कांग्रेस पूरे प्रदेश में आजमाना चाहती थी. पीएम मोदी ने कहा, 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में चार बार मुस्लिम आरक्षण लागू करने की कोशिश की, लेकिन कानूनी बाधाओं और सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता के कारण वह अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर सकी.
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