नई दिल्ली : ग्लोबल बिजनेस समिट में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का समय आ गया है. भारत के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है, विकास दर बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे आलोचक अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यही समय है, जब उपभोग व कॉरपोरेट लाभप्रदता दोनों बढ़ रहे हैं व गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) में रिकॉर्ड कमी आई है. उत्पादन और उत्पादकता बढ़ रही है. किसी भी देश की विकास यात्रा में ऐसा समय आता है, जब सभी परिस्थितियां उसके पक्ष में होती हैं. यह वह समय है, जब विकास दर बढ़ रही है, राजकोषीय घाटा कम हो रहा है. निर्यात बढ़ रहा है, चालू खाता घाटा कम रहा है. उन्होंने कहा कि उत्पादक निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, मुद्रास्फीति नीचे है. अवसर व आय, दोनों बढ़ रहे हैं व गरीबी कम हो रही है.
स्थिरता और निरंतरता सरकार की नीति
स्थायित्व, स्थिरता और निरंतरता को अपनी सरकार की नीति बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रास्फीति अधिक खर्च करने का दुष्परिणाम है. उनकी सरकार ने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए बचाया पैसा ही कमाया गया पैसा के मंत्र का पालन किया है. पीएम ने कहा, हमने संसद भवन जैसी बड़ी परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा करके करदाताओं के पैसे को महत्व दिया और कबाड़ से भी पैसा कमाया.
पहले नहीं थी ऐसी सकारात्मक भावना
पीएम मोदी ने कहा, भारत की क्षमताओं के लिए ऐसी सकारात्मक भावना पहले कभी नहीं थी. आज, हर विकास विशेषज्ञ समूह में चर्चा है कि भारत बीते 10 वर्षों में बदल गया है. पीएम मोदी ने कहा, दावोस में भी भारत के लिए बहुत उत्साह दिखा. किसी ने कहा कि भारत अभूतपूर्व सफलता की कहानी है. किसी ने कहा, भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा नई ऊंचाई छू रहा है.