नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 22 से 25 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रवाना हुए. अमेरिका की यात्रा के दौरान पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी क्वाड नेताओं की बैठक में भाग लेंगे. इसके अलावा वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका अमेरिका दौरा उसके साथ व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा.
प्रधानमंत्री ने 22 से 25 सितंबर तक के अपने अमेरिका दौरे पर रवाना होने से पहले जारी एक बयान में यह बात कही. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री का यह दौरा हो रहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति बाइडन के साथ भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और आपसी हित से जुड़े वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
प्रधानमंत्री अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे और उनके साथ दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में वह राष्ट्रपति बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सूगा के साथ हिस्सा लेंगे.
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन डिजिटल माध्यम से मार्च में आयोजित की गई क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक में हुए फैसलों की समीक्षा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आपसी साझा दृष्टि पर आधारित भविष्य के कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं की पहचान का एक मौका प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरिसन और सूगा के साथ इन देशों से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर ‘‘उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपनी यात्रा का समापन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कोविड-19 महामारी से दुनिया के सामने पैदा हुई चुनौतियों सहित आतंकवाद को समाप्त करने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने संबोधन से करेंगे.