रांची : लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खड़े होने व उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी के बैठे रहने पर विपक्ष हमलावर है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी को आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और दलित गरीब पसंद नहीं है. लाल कृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च सम्मान दिया जा रहा था तो हमारी माननीय राष्ट्रपति महोदय खड़ी थी और मोदी जी बैठकर बड़ा ही आह्लादित हो कर देख रहे थे.
उन्होंने कहा कि उस समय देश की राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू खड़ी थीं मगर लालकृष्ण आडवाणी के बगल में हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी बैठे हुए थे. ये आदिवासी महिला एवं आदिवासी समाज के लिए अपमान की बात है. यह एक बहुत बड़ी घटना है. यह राष्ट्रपति का अपमान है. उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रतीक हैं. सर्वोच्च कमान मतलब उनके पास संयुक्त सेना का पावर होता है.
उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान हुए विपक्ष की महारैली का जिक्र करते हुए कहा कि ये अहंकारी हैं. इनके अहंकार को खत्म करना था, इसलिए रैली से आंदोलन की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि लद्दाख में 21 दिनों तक पर्यावरण विद समाजसेवी एवं सोनल वांगचुक ने भी आंदोलन किया था. उन्होंने भी सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया था. सुप्रियो ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री अभी भी हमारे प्रधानमंत्री हैं और कितने दिन तक प्रधानमंत्री रहेंगे अभी पता नहीं.
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